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Thursday, November 21, 2024

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बिना विरोध-बवाल के बेदाग है ‘छत्रबली’ का राजनीतिक कैरियर

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Young Writer, चुनाव डेस्क। राजनीति यानी जनसेवा और समाजसेवा का एक सशक्त माध्यम। यही वजह रही कि पहले के नेताओं व राजनेताओं का बड़ा सम्मान व मान था, लेकिन आजादी के बाद जैसे-जैसे देश प्रगति के पथ पर आगे बढ़ा नेताओं का सम्मान घटता गया। आज राजनीतिक को उस स्तर पर हानि हुई है कि नेताओं का नाम लेते ही आमजनता गाली देने लगती है। यहां तक की नेता भी मंच सजाकर अपनी उपलब्धियों व सकारात्मक बातें करने की बजाय गैरवाजिब बातों के साथ ही अमर्यादित आचरण‚ गाली-गलौज व दूसरों पर किचड़ उछालने का काम भी करते हैं। अमूमन सार्वजनिक मंचों पर नेताओं के लड़ने, मरने-मारने की घटनाओं ने ही जनता के मन और दिल दोनों में अपने अस्तित्व को हाशिए पर लाने का काम किया है। ऐसा राजनीतिक परिदृश्य किसी स्थान या प्रदेश विशेष के लिए बल्कि पूरे देश का लब्बोलुआब यही हाल है।

भुड़कुड़ा में क्रीड़ास्थल के लोकार्पण कार्यक्रम में मंत्री मोती सिंह व साथ में छत्रबली सिंह। फाइल फोटो।

ऐसी स्थिति में दिन प्रतिदिन कठिन होती राजनीति में चंदौली का एक ऐसा शख्स भी है, जिन्होंने अपने राजनीति कैरियर में कभी किसी का प्रतिकार नहीं किया। कभी किसी को अपशब्द नहीं कहे और हरबार अपने अच्छे कामकाज और बोल-बचन से लोगों के दिल में जगह बनाई और चुनाव के नतीजों को जीत में बदला। यह बोलने व लिखने में जितना आसान है उसे अपने राजनीतिक जीवन में धारण करना और बनाए रखना उतना ही कठिन है। जी हां! आप ऐसी शख्सियत के बारे में सोच रहे हैं जिनका नाम छत्रबली सिंह है।
जिन्होंने शहाबगंज ब्लाक प्रमुख से अपने राजनीतिक कैरियर का आगाज किया। उस वक्त किसी को यह मालूम न था कि ठेकेदारी में ऊंचा मुकाम हासिल करने वाला यह शख्स एक दिन चंदौली की राजनीतिक ऊरूज पर काबिज होगा। लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया छत्रबली सिंह एक मजेमजाए राजनीतिज्ञ व्यक्तित्व को धारण कर आगे बढ़ते गए।

एसआरवीएस में आयोजित महाशिविर में वरिष्ठ चिकित्सक को सम्मानित करते पूर्व अध्यक्ष छत्रबली सिंह। फाइल फोटो।

उन्होंने सर्वप्रथम उस वक्त अपने राजनीतिक कला-कौशल का बखूबी परिचय दिया जब वह निर्विरोध जिला पंचायत अध्यक्ष निर्वाचित हुए। उस जीत के साथ ही उन्होंने सबको व सबकुछ मैनेज करने की अपनी सोच की नीव रखी, जिसकी बुनियाद आज इतनी मजबूत हो गयी है कि उसे हिला पाना मुश्किल व दुरूह है। आज वे मुगलसराय विधानसभा से अपनी उम्मीदवारी के लिए प्रयासरत हैं और इसी प्रयास में उन्होंने मुगलसराय क्षेत्र के लोगों से वाद-संवाद का सिलसिला कायम कर रखा है। उन्होंने आमजन के दिलों में कायम प्रेम व वात्सल्य को अपनी मुलाकातों से जगाने भर मात्र काम किया है। आज उनकी सक्रियता व जनसम्पर्क का यह प्रभाव है कि मुगलसराय विधानसभा के ग्रामीण, शहरी व कस्बाई इलाकों का भ्रमण करने पर कहीं न कहीं चर्चाओं में छत्रबली सिंह का नाम सुनने को जरूर मिल जाएगा। राजनीतिक सूत्र बताते हैं कि भाजपा से चुनाव लड़ने की उनकी महत्वकांक्षा कई दिग्गज भाजपाइयों के पेशानी पर बल डालने का काम किया, जो लम्बे समय से राजनीतिक सक्रियता को बनाए हुए थे। उनके मैदान में आते ही ऐसा लग रहा है जैसे उन्होंने अपनी सक्रियता चुनाव लड़ने के प्रबंध और राजनीतिक कौशल से टिकट के लिए कतार में लगे अन्य साथियों को हताश और निराश कर दिया हो।

छत्रबली सिंह वह शख्सियत हैं जिन्हें कभी किसी भी राजनेता, चाहे वह किसी भी दल का हो, उसके बारे में कभी कुछ भी भला-बुरा कहते हुए नहीं सुना गया है। वह जब भी किसी से मिलते हैं मुस्कान भरे चेहरे के साथ ही सामने वाले से संवाद स्थापित करते हैं। ढेर सारी आर्थिक सम्पन्नता होने के बाद भी उनके हाव-भाव, बोल-बचन में कहीं भी उसकी झलक नहीं दिखती। मंच व माइक संभालने के बाद भी वह आम आदमी की तरह अपनी बातों को लोगों के बीच रखते हैं। उनके अभिभाषणों में आम आदमी की दुश्वारियां, उसकी तकलीफ का दंश व दर्द झलकता है। ऐसा लगता है कि जैसे वह हर रोज इस तरह की दुश्वारियों से दो-चार होते हों। यही वजह है कि वह इन समस्याओं पर बातचीत करने के साथ ही उसके निराकरण की पहल भी करते रहते हैं। उनके द्वारा ग्रामीण इलाकों में अब तक जिस जिज्ञासा व उत्साह के साथ छोटे-बड़े विकास कार्य कराए गए हैं उससे उस क्षेत्र की जनता को सीधा लाभ मिला है। वह अपने अभिभाषणों में बहुत बड़ी-बड़ी बातें करने की बजाय उन छोटे सुधारों को अमल में लाने की बातें करते हैं, जिससे आमजन का जीवन में बड़ा बदलाव आए। यही वजह है कि आमजन का जुड़ाव बड़ी तेजी से होता दिख रहा है। उनका मानना है कि सरकारी कामकाज आवंटित बजट को यदि जनता की मांग के अनुरूप जमीनी रूप दिया जाए तो काम का बड़ा प्रभाव दिखता है। जनता का पैसा, जनता के लिए खर्च करके ही विकास को सही दिशा दी जा सकती है। जनप्रतिनिधियों का यह दायित्व बनता है कि अब जन आकांक्षाओं का सम्मान करे और उनके सामाजिक सुरक्षा की गारंटी ले। यह तभी संभव है जब आम आदमी के जीवन में सम्पन्नता व सुविधाएं होंगी। हाल फिलहाल छत्रबली सिंह विधानसभा चुनाव-2022 को लड़ने व उसे जीतने के मिशन पर है और सबकुछ ठीक रहा तो हर बार की तरह पूरे उत्साह व उमंग के साथ चुनाव लड़ेंगे और अपने कुशल राजनीतिक प्रबंधन और साफ एवं बेदाग छवि के बूते परिणाम को अपने पक्ष में लाने में सफल होंगे।

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