मुस्लिमों के सामाजिक व राजनीतिक संरक्षण के साथ ही सर्वसमाज का फिक्र के साथ कर रहे राजनीति
Young Writer, चुनाव डेस्क।
बैरिस्टर असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन यानी आईमीम। पार्टी जय मीम के साथ जय भीम के नारे को साथ लेकर तेजी से भारतीय राजनीति में अपने पांव जमा रही है। पार्टी का मानना है कि मुसलमानों राजनीतिक वजूद बचाने व उसे संभालने के साथ-साथ सर्वसमाज का साथ व उसका विकास भी बेहद जरूरी है। क्योंकि समाज में समानता व समरसता को कायम करके ही इत्तेहाद लाया जा सकता है। यही वजह है कि संविधान को अस्तित्व देने वाले डा. भीमराव अम्बेडकर के संवैधानिक सोच के साथ मीम के सिपाही पूरे देश में पार्टी की जड़ों को स्थापित करने में पूरी शिद्दत के साथ जुटे हैं। चंदौली जनपद की बात करें तो यहां भी आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन मुगलसराय विधानसभा में पार्टी को स्थापित करने के बाद पूरे जनपद में इसी शाखाओं को लगभग सशक्त बना चुका है। आज पार्टी का पूरा का पूरा संगठनात्मक ढांचा तैयार है, जो जिलाध्यक्ष हाजी इलियास की अगुवाई में पार्टी के बेहतर प्लेटफार्म पर मुसलमानों के राजनीतिक वजूद को स्थापित करने की लड़ाई लड़ता नजर आ रहा है।
जिलाध्यक्ष हाजी इलियास की माने तो एआईएमआईएम धर्म विशेष की पार्टी होने के आरोप लगते हैं, लेकिन वास्तव में एआईएमआईएम सर्वसमाज की पार्टी है। बैरिस्टर असदुद्दीन ओवैसी की अगुवाई में पार्टी ने जहां भी चुनाव लड़ा, वहां हार-जीत से ज्यादा मुसलमानों के राजनीतिक वजूद को स्थापित करने और जहां यह वजूद कायम है उसे सशक्त बनाने पर जोर दिया गया है। मुसलमानों का राजनीतिक संरक्षण व संवर्धन पार्टी के उद्देश्यों में महत्वपूर्ण स्थान रहती है, लेकिन पार्टी अपने नाम के अनुरूप इत्तेहाद पर यकीन करती है। उसकी सोच है कि आज भारतीय समाज में जो भी वर्ग, संप्रदाय या जाति दबाई या सताई गई है एआईएमआईएम उसके अस्तित्व को बचाने के लिए लड़ाई लड़ती आ रही है और आगे भी इस संघर्ष को जारी रखा जाएगा। समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति तक शिक्षा, स्वास्थ्य एवं उसे सामाजिक सुरक्षा मिले। इसे सुनिश्चित करने के उद्देश्य से आईमीम यूपी विधानसभा का चुनाव लड़ रही है।
जिलाध्यक्ष हाजी इलियास जिला महासचिव शमशुद्दीन एडवोकेट
उन्होंने पार्टी के विधि प्रकोष्ठ का दायित्व संभाल रहे अधिवक्ता सुल्तान अहमद व जिला महासचिव सुल्तान अहमद ने चंदौली के मुगलसराय विधानसभा क्षेत्र के पार्टी प्रत्याशी उतारने और पूरी मजबूती के साथ चुनाव लड़ने का दावा किया। कहा कि यहां का चुनाव पार्टी के लिए हार-जीत से परे है। आरोप लगाया कि आज लगभग सभी राजनीतिक दलों ने मुस्लिम आबादी को वोट के रूप में इस्तेमाल किया। फर्क इतना है कि किसी ने मुसलमानों को डराया तो किसी ने बचाने का लालच देकर उनका राजनीतिक हक छिनने का काम किया है। यदि किसी भी राजनीतिक दल ने मुसलमानों के हित में कार्य किया होता तो आज मुसलमानों का अस्तित्व हाशिए पर नहीं होता। स्थिति यह है कि आजादी के बाद देश में मुसलमान पढ़ाई-लिखाई, नौकरी व रोजगार में तेजी से पिछड़ता जा रहा है। जो यह बताते हैं कि हर क्षण मुसलमानों को छला व ठगा रहा है। यदि मुसलमानों का अपना भविष्य बचाना और संवारना है तो उन्हें राजनीतिक रूप से सशक्त होना पड़ेगा, यही आज के परिवेश की मांग है जिसे पूरा भी एक मुस्सलम ईनाम वाला शख्सियत कर सकता है।
पार्टी के युवा विंग जिलाध्यक्ष नाजिम अकबर खान ने कहा कि आज हम सभी को एक ऐसे राजनीतिक प्लेटफार्म की जरूरत है जो मुस्लिमों के संरक्षण के साथ-साथ सर्वसमाज की बात करे। एआईएमआईएम ने जिन प्रदेशों व इलाकों में स्थापित है वहां मोमिन भाइयों के लिए शिक्षा व स्वास्थ्य जैसी सेवाएं प्रदान करने में अग्रणी भूमिका अदा कर रही है। उन्होंने दावा किया कि यूपी में पार्टी की जीत उसकी जड़ें मजबूत करेंगी और पार्टी मुस्लिमों के लिए और शिद्दत के साथ काम करेगी। आज परिवर्तन के इस वक्त में मुसलमानों को यह तय करना है कि उसे किसी पार्टी को हराने से ज्यादा अपने आप को जीतने के लिए वोट करना होगा। अपनी राजनीतिक सोच में परिवर्तन लाकर एक बेहतर कल के लिए अपने मताधिकार का इस्तेमाल करना है। उन्हें यह नहीं भूलना चाहिए कि मुगलसराय में मुस्लिमों की एक बड़ी आबादी है जो अपने वोट से ही अपनी तकदीर को बेहतर बना सकते हैं। उनकी बस्तियों व इलाकों में जो भी दुश्वारियां हैं वह दूर हो सकती है उसके लिए उन्हें खुद प्रयास करना होगा और उन लोगों का चयन करना होगा, जो उनके बारे में सोचती है उनके वजूद को स्थापित करने के लिए संघर्षरत है। अब वक्त आ गया है कि वह भी अपने वोट के लिए एक बेहतर विकल्प को चुने, जो उनके राजनीतिक व सामाजिक सुरक्षा की गारंटी ले सके।