एकल प्रत्याशी रामभरोस का नामांकन पत्र शुक्रवार को खारिज
Young Writer, चंदौली। विधानसभा चुनाव लड़ने की लालसा पाले प्रगतिशील मानव समाज पार्टी व उनके उम्मीदवारों को शुक्रवार को बड़ा झटका लगा। उनके एक मात्र चकिया विधानसभा के प्रत्याशी रामभरोस का नामांकन-पत्र निर्वाचन अधिकारी ने खारिज कर दिया। उनका पर्चा खारिज होने से जनपद में प्रमसपा की दावेदारी व रामभरोस की उम्मीदवारी पूर्णतः समाप्त हो गयी। यानी अब चंदौली के चुनावी रण में प्रमसपा पूरी तरह से बाहर हो गयी है, क्योंकि 17 फरवरी को नामांकन के अंतिम दिन उनके दो प्रत्याशी तय समय 03 बजे तक नामांकन कक्ष तक पहुंचने में नाकाम रहे, जिस कारण नामांकन कक्ष के साथ-साथ उनके चुनाव लड़ने के दरवाजे भी आगामी पांच सालों के लिए बंद कर दिए गए।
प्रमसपा के चकिया उम्मीदवार रामभरोस के नामांकन पत्र की जांच करने वाले निर्वाचन अधिकारी प्रेमप्रकाश मीणा ने नामांकन पत्र खारिज होने के बारे में कई त्रुटियां होने की वजह से उनके नामांकन खारिजा आदेश में उल्लिखित किया है। जिसमें रामभरोस द्वारा प्रारूप-26 के नियम-4क के भाग संख्या-क अंतर्गत बिंदु संख्या 3 के कालम तीन एवं बिंदु संख्या 5, 6, 7 व 8 तथा भाग-ख के कालम 6, 7, 8, 9 एवं 10 अपूर्ण पाया गया है। इसके अलावा आरओ ने जांच में पाया कि प्रमसपा प्रत्याशी दूसरे विधानसभा का मतदाता है, जिसके उसके द्वारा मतदाता सूची की प्रमािणत प्रति भी संलग्न नहीं की गयी है। वहीं प्रत्याशी द्वारा शपथ-पत्र अथवा प्रतिज्ञान प्रस्तुत नहीं किया गया है। नामांकन दाखिल के समय ही प्रत्याशी को नामांकन पत्र के सभी स्तम्भों को पूर्ण करते हुए नए शपथ-पत्र एवं मतदाता सूची की प्रमाणित प्रति के साथ 18 फरवरी को पूर्वाह्न 11 बजे प्रस्तुत करने को कहा गया था, लेकिन वह ऐसा नहीं कर पाए। इतना ही नहीं नामांकन पत्रों की जांच के दौरान न तो प्रत्याशी नामांकन कक्ष में मौजूद थे और ना ही उनका कोई प्रतिनिधि वहां मौजूद पाया गया। ऐसी स्थित में निर्वाचन अधिकारी ने आरपी एक्ट-1951 की सुसंगत धाराओं का उल्लंघन पाते हुए चकिया से प्रमसपा प्रत्याशी का नामांकन-पत्र अस्वीकृत कर दिया है। इसके साथ ही प्रमसपा की चंदौली जनपद में विधानसभा चुनाव लड़ने का सपना अगले पांच सालों के लिए स्वतः स्थगित हो गया है।