17.7 C
New York
Saturday, September 21, 2024

Buy now

रमजानः इंसान से प्यार व नरमी का करें व्यवहारः फैयाज खान मिस्बाही

- Advertisement -

रमजान के पहले अशरे में होती है रहमतों की बारिश

Young Writer, धानापुर। माह-ए-रमजान रहमतों और बरकतों का महीना है। यह महीना तीन अशरों का होता है। रमजान के पहले 10 दिन रहमत के होते हैं यानी सच्चे मन से अल्लाह की इबादत करने वालों पर अल्लाह की रहमत होती है। उक्त बातें रमजान माह के महत्व पर रौशनी डालते हुए टीचर्स एसोसिएशन मदारिसे अरबिया के जनरल सेक्रेटरी फैयाज खान मिस्बाही ने कही।
उन्होंने बताया कि रमजान के पहले अशरे में मुसलमानों को ज्यादा से ज्यादा दान कर के गरीबों की मदद करनी चाहिए। हर एक इंसान से प्यार और नरमी का व्यवहार करना चाहिए। यूं तो रमजान का पूरा महीना मोमिनों के लिए खुदा की तरफ से अजमत, रहमत और बरकतों से लबरेज है। लेकिन अल्लाह ने इस मुबारक महीने को तीन अशरों में बांटा है। पहला अशरा खुदा की रहमत वाला है। पहले अशरे में 10 दिनों तक अल्लाह की रहमत से सभी सराबोर होते रहेंगे। एक से 10 रमजान यानी पहले अशरे में खुदा की रहमत नाजिल होती है। बताया कि रमजान का पहला अशरा बेशुमार रहमत वाला है। नेक काम के सवाब में 70 गुना इजाफा कर दिया जाता है। रसूल सल्लल्लाहो अलैह वसल्लम ने फरमाया कि अगर लोगों को मालूम हो जाए कि रमजान क्या चीज है तो मेरी उम्मत साल के 12 महीने रमजान होने की तमन्ना करेगी। रमजान का महीना रहमत व बरकत वाला है। हर मर्द, बच्चे, औरत और बूढे़ रोजे का साथ नमाज-तरावीह में मशगूल रहते हैं।
रमजान के 11वें रोजे से 20वें रोजे तक दूसरा अशरा चलता है। यह अशरा माफी का होता है। इस अशरे में लोग इबादत कर के अपने गुनाहों से माफी पा सकते हैं। इस्लामिक मान्यता के मुताबिक अगर कोई इंसान रमजान के दूसरे अशरे में अपने गुनाहों से माफी मांगता है तो दूसरे दिनों के मुकाबले इस समय अल्लाह अपने बंदों को जल्दी माफ करता है। रमजान का तीसरा और आखिरी अशरा 21वें रोजे से शुरू होकर चांद के हिसाब से 29वें या 30वें रोजे तक चलता है।ये अशरा सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। तीसरे अशरे का उद्देश्य जहन्नम की आग से खुद को सुरक्षित रखना है। इस दौरान हर मुसलमान को जहन्नम से बचने के लिए अल्लाह से दुआ करनी चाहिए। रमजान के आखिरी अशरे में कई मुस्लिम एतकाफ में बैठते हैं। एतकाफ में मुस्लिम मस्जिद में 10 दिनों तक एक जगह बैठकर अल्लाह की इबादत करते हैं।

Related Articles

Election - 2024

Latest Articles

You cannot copy content of this page

Verified by MonsterInsights