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Saturday, May 11, 2024

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उपलब्धिः काशी की रामलीला पर शोध करने वाले धर्मेंद्र बने असिस्टेंट प्रोफेसर

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Young Writer, चंदौली। प्रसिद्ध रामनगर की रामलीला पर अंग्रेजी में शोध करने वाले जिले के बरहनी विकासखण्ड के बरडीहा गांव निवासी डॉ धर्मेंद्र यादव उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा आयोग द्वारा आयोजित परीक्षा में सफलता हासिल कर असिस्टेंट प्रोफेसर बने हैं। इससे जनपदवासियों में खुशी है।

बरहनी विकासखण्ड के बरडीहा गांव निवासी धर्मेंद्र के पिता स्व. रामसकल सिंह बबुरा स्थित जनता इंटर कालेज में प्रवक्ता थे। जबकि उनकी मां शिवबचानी देवी गृहिणी है। धर्मेंद्र की प्रारंभिक शिक्षा गांव के प्राथमिक विद्यालय से हुई। ततपश्चात उन्होंने अमड़ा स्थित प्रगतिशील उच्चतर माध्यमिक विद्यालय से हाईस्कूल व बरहनी के किसान इंटर कालेज से इंटरमीडिएट किया। उसके बाद काशी हिंदू विश्वविद्यालय वाराणसी से अंग्रेजी मुख्य विषय के साथ 2010 में स्नातक व 2012 में स्नातकोत्तर की उपाधि ली। 2015 में बीएचयू की रेट परीक्षा में उत्तीर्ण होने के बाद उन्होंने पीएचडी में प्रवेश लिया। इसीबीच उन्होंने 2019 में यूजीसी-नेट में सफलता पायी। वहीं 2022 में बीएचयू से पीएचडी की उपाधि हासिल की। इससे पूर्व 2020-21 में ये अमेरिका के चैपल हिल स्थित नार्थ कोरोलीना विश्वविद्यालय में ‘द स्टोरी ऑफ राम इन इंडिया’ विषय पर ऑनलाइन ब्याख्यान देने के लिए अतिथि प्रवक्ता नियुक्त हुए। वर्तमान में पिछले चार माह से सिगरा स्थित मुकुल अख्यम महाविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय बीएचयू के प्रो. अर्चना, प्रो. संजय कुमार, व राजकुमार को दिया है। उनके चयन से भाई अधिवक्ता वीरेंद्र प्रताप सिंह, अनिल यादव, उपेंद्र यादव आदि ने खुशी जताई है।

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