Young Writer, चंदौली। जनपद के किसानों की बदहाली को देखते हुए पूरी तरह से निष्क्रिय है। जहां किसान बाढ़ की समस्या से जूझ रहा है। वही एक इलाके के किसान सूखे की मार को झेल रहा है। लेकिन इस समस्या के समाधान के लिए किसानों को अब गांव से निकलकर मुख्यालय की सड़क नेशनल हाईवे पर आना पड़ रहा है। इससे साफ जाहिर होता है। कि शासन और प्रशासन पूरी तरह से किसानों के प्रति गंभीर नहीं है। उक्त बातें रविवार को समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद रामकिशुन यादव ने किसानों की समस्या को देखते हुए पत्रकारों से रूबरू होते हुए कहीं।
इस दौरान रामकिशुन यादव ने कहा कि किसानों के हितैषी का दम भरने वाली केंद्र और प्रदेश सरकार पूरी तरह से किसानों के प्रति गंभीर नहीं है यही नहीं किसानों के आक्रोश को देखते हुए जनपद आगमन पर आने वाले मंत्री पहले ही अपना कार्यक्रम रद्द करके भाग जा रहे हैं। प्रदेश के जलशक्ति मंत्री व वाराणसी के मंडल प्रभारी स्वतंत्र देव सिंह ने बाढ़ का प्रकोप और सूखे की मार झेल रहे किसानों से मिलने की वजह कार्यक्रम रद्द करके बिना किसानों की समस्या जाने ही लखनऊ वापस लौट गए इससे साफ जाहिर होता है। कि किसानों के प्रति सरकार व उनके जनप्रतिनिधि गंभीर नहीं है। आज जनपद का किसान एक और जहां सूखे की मार चल रहा है। उसे मजबूरी में आकर बिजली समस्या के लिए हाईवे को जाम करना पड़ रहा है। वहीं दूसरी ओर बाढ़ की भविष्य का को झेल रहा किसान के दुख दर्द में भाजपा के जनप्रतिनिधि व मंत्री शामिल नहीं होना चाह रहे हैं। चारों तरफ से किसान जनपद का घिरा हुआ है। यही हाल रहा तो एक और जहां फसल बाढ़ से बर्बाद हो रही है। वहीं दूसरी ओर बिजली न मिलने के कारण सिंचाई व्यवस्था ध्वस्त हो जाने से सूखने के कगार पर पहुंच गई। अधिकारी सिर्फ आश्वासन देकर ही किसानों को दिलासा दिला रहे हैं। और वही इनके मंत्री किसानों के समस्या समाधान किए जनपद का दौरा रद्द कर दे रहे हैं।