चेतना प्रकाशन की ‘गुरु द्रोण और एकलव्य’ पुस्तक लोकार्पित

चेतना प्रकाशन के पुस्तक लोकार्पण कार्यक्रम को संबोधित करते डा. उमेश प्रसाद सिंह।
चेतना प्रकाशन के पुस्तक लोकार्पण कार्यक्रम को संबोधित करते डा. उमेश प्रसाद सिंह।

Young Writer, चंदौली। राष्ट्रीय चेतना प्रकाशन से प्रकाशित पुस्तक गुरु द्रोण और एकलव्य लेखक हरिद्वार प्रसाद विह्वल का लोकार्पण आर्य समाज मंदिर मुगलसराय के सभागार में रविवार को सम्पन्न हुआ। इस आयोजन के मुख्य अतिथि संजय यादव, आईएएस निदेशक, राजस्व परिषद यूपी सरकार, विशिष्ट अतिथि कमला प्रसाद सिंह पूर्व एमडी कोल माइंस, भारत सरकार थे। अध्यक्षता प्रख्यात साहित्यकार डॉ. उमेश प्रसाद सिंह ने की।

इस दौरान अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में डा. उमेश प्रसाद सिंह ने कहा कि आज हमारा बौद्धिक चिंतन में मिथक के प्रति अनुदारता का विस्तार दिखाई देता है। साहित्य का दायित्व अपनी के उन्नयन और अपने समय के समाज में सौहार्द की प्रतिष्ठा करने का होता है। जिस समाज में पूज्य पूजन का विधान नष्ट हो जाता है, वह पतन के गर्त में चला जाता है। इस पुस्तक के लेखक ने अपनी पुस्तक में एक बड़ा सवाल विचार के लिए प्रस्तुत किया है।

मुख्य अतिथि ने अपने वक्तव्य में लेखक को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देते हुए साहित्य की महत्ता को प्रतिपादित किया। विशिष्ट अतिथि कमला प्रसाद सिंह ने साहित्य के उच्च आदर्शो के अनुपालन के आग्रह के साथ लेखक को हार्दिक बधाई दी। डा. विनय कुमार वर्मा के साहित्यिक उत्थान के लिए किये जा रहे अभियान की सभा में सराहना की गई। व्यापक संदर्भ इस गोष्ठी की महत्ता प्रशंसनीय प्रमाणित होती है। गोष्ठी में दीनानाथ पांडेय देवेश, प्रसिद्ध उपन्यासकार रामजी प्रसाद भैरव, लेखक राम केवल शर्मा, डा. मुन्नू यादव, बिरहा गायक राम जनम के साथ कई प्रतिष्ठित साहित्य प्रेमियों ने अपने विचार व्यक्त किए। संचालन भारत भूषण और धन्यवाद डा. अनिल यादव ने व्यक्त किया।