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Friday, April 19, 2024

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विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवसः घरेलू झगड़े, तनाव व हताशा में न उठाए गलत कदम

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विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस पर कार्यशाला आयोजित

Young Writer, चंदौली। विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस पर शनिवार को एनएलएस इंटर कॉलेज रंगौली में आत्महत्या रोकथाम पर कार्यशाला का आयोजन हुआ। जिला मानसिक स्वास्थ्य की टीम द्वारा छात्र-छात्राओं को परामर्श दिया गया। इसमें 350 छात्र-छात्राओं एवं 15 शिक्षकों को आत्महत्या रोकथाम के बारे में बताया गया एवं जागरूकता रैली निकाली गयी।
जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम में नोडल अधिकारी डा.हेमंत कुमार ने बताया कि जीवन में जल्द से जल्द सब कुछ हासिल कर लेने की तमन्ना और एक-दूसरे से आगे निकलने की होड़ है जिस वजह से घरेलू झगड़े कर्ज गरीबी बेरोजगारी, प्रेम संबंध, तलाक आजकल लोग इन कारणों से बेवजह मानसिक तनाव का शिकार हो रहे हैं।

इसमें जरा सी नाकामयाबी अखरने लगती है और लोग अपनी जिन्दगी तक को दांव पर लगा देते हैं। इसी को देखते हुए हर साल 10 सितम्बर को विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस मनाया जाता है। इसे मनाने का मकसद आत्महत्या को रोकने के लिए लोगों में जागरूकता पैदा करना है। इसके जरिये यह सन्देश देने की कोशिश की जाती है कि आत्महत्या की प्रवृत्ति को रोका जा सकता है। मनोचिकित्सक डा. नितेश सिंह ने बताया कि आत्महत्या का मुख्य कारण लोगों में मानसिक तनाव, अवसाद व चिंता के अलावा सामाजिक कारण भी हैं। जैसे-घरेलू झगड़े, कर्ज, गरीबी बेरोजगारी, दहेज, प्रेम संबंध, तलाक, अनुचित गर्भधारण, शैक्षिक सार, वैवाहिक संबंधों में विच्छेद इत्यादि है। डा.नीतेश ने बताया कि 81 प्रतिशत खुदखुशी करने वाले लोग कुछ संकेत जरूर देते हैं। ऐसे लोग अक्सर उदास गुमसुम रहते हैं। अपने जीवन के प्रति लापरवाही बरतने लगते हैं और अपनी जान जोखिम में डालते है। क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट अजय कुमार ने बताया कि आजकल में मानसिक तनाव, अवसाद व चिंता का सहारा नशीले पदार्थों का सेवन ज्यादा करने लगते हैं। आत्महत्या करने वाले व्यक्तियों के लक्षण एवं संकेतों के आधार पर उनके भावनाओं को शांतिपूर्ण ढंग से सुनने का प्रयास करें तथा उनसे जुड़े कारणों को जानने का प्रयास करें। भावनात्मक रूप पॉजिटिव बातें करें और प्रेरित करें।
इनसेट—-
रोकथाम के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी
चंदौली।
जिला चिकित्सालय के मानसिक रोग विभाग मन कक्ष के आत्महत्या रोकथाम हेल्पलाइन नंबर 7565802028 पर पिछले साल 2021 लगभग 250 लोगों की काउन्सलिंग एवं दवाओं के माध्यम से आत्महत्या जैसे विचारों से छुटकारा पाकर नई जिंदगी की शुरुआत कर चुके हैं। इलाज प्रत्येक दिन सोमवार बुधवार शुक्रवार को ओपीडी कमरा नंबर 40 में प्रतिदिन 100 से 150 लोगों की निदान किया जा रहा है। कार्यक्रम में मनोचिकित्सक डा. नितेश सिंह, क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट अजय कुमार एवं साइकाइट्रिक सोशल वर्कर डॉ अवधेश कुमार मौजूद रहे।

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