गरीबी के कारण मलेरिया पीड़ित महिला ने तोड़ा दम

नौगढ़। गरीबी व आर्थिक तंगी से लाचार कल्लू मुसहर की पत्नी उर्मिला 35 वर्ष की मलेरिया रोग से ग्रसित होने के कारण ईलाज के अभाव में बुधवार को मौत हो गई। जानकारी मिलते ही उपजिलाधिकारी डा.अतुल गुप्ता के निर्देश पर तहसीलदार सुरेश चन्द्र ने निर्धन कल्लू मुसहर को खाद्यान्न मुहैया कराया।

बताया जाता है कि थाना क्षेत्र के मलेवरिया गांव निवासी कल्लू मुसहर पुत्र अर्जुन का नाम तो गांव की मतदाता सूची में दर्ज है लेकिन आधार कार्ड जांब कार्ड आयुष्मान कार्ड सहित कोई भी सरकारी प्रमाण बना ही नहीं है। जलावनी लकड़ी काटकर उसे खुले बाजार में बेचने पर थोड़ा बहुत होने वाली आय से अपना व परिवार का गुजारा करता है। खानपान की कमी से करीब दो माह पूर्व उसकी पत्नी उर्मिला शारिरिक दुर्बलता की गिरफ्त में आने से विभिन्न बीमारियों की चपेट में आ गई। जिसे सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र नौगढ़ में दवा ईलाज के लिए भर्ती कराने पर हालत गंभीर देख चिकित्सकों ने जिला संयुक्त चिकित्सालय चकिया के लिए रेफर कर दिया। जहां पर भी उपचार नहीं कर डाक्टरों ने घर ले जाने की सलाह दे दिया। प्राइवेट झोलाछाप डाक्टरों से पत्नी का ईलाज कराने में जुटा कल्लू मुसहर ने अपने पैतृक झोपड़ी को भी औने पौने दामों पर बेच दिया और विनायकपुर जंगल में पहाड़ी के किनारे प्लास्टिक का तिरपाल लगाकर के छोटा सा आशियाना बना करके रहने लगा। बुधवार को सुबह उसकी पत्नी उर्मिला ने दम तोड़ दी। जिसे देख काफी बदहवास कल्लू मुसहर काफी स्तब्ध होकर अपने 10 वर्षीय दिब्यांग पुत्र शिवकुमार व 2 वर्षीय पुत्री सुशीला को निहारता रहा। निर्धन कल्लू की पत्नी का मौत हो जाने की सूचना पर तत्काल भाजपा मंडल अध्यक्ष भगवान दास अग्रहरी ने मौके पर पहुंच कर ढांढस बंधाकर के उच्चाधिकारियों को अवगत कराया। आरोप लगाया कि सरकारी तंत्र की शिथिलता से समाज के अंतिम ब्यक्ति तक जन हितकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाया है। जिसकी शिकायत शासन स्तर पर करके निर्धन कल्लू मुसहर को लाभान्वित कराया जाएगा। क्योंकि उसका तथा उसकी पत्नी का आधार कार्ड, जाब कार्ड, राशन कार्ड, आयुष्मान कार्ड, बैंक खाता होता तो योजनाओं का लाभ मिलने से उसकी पत्नी का ईलाज के अभाव में मौत नहीं हुई होती। उसके बच्चों को शिक्षा मिलने के साथ ही उसे मुख्यमंत्री आवास भी दिया जाना चाहिए था।