मुलायम सिंह यादव के निधन के साथ ही समाजवाद के एक युग का अंत

मुलायम सिंह यादव

मेदांता में मुलायम सिंह यादव ने ली अंतिम सांस

Young Writer, चंदौली। समाजवादी पार्टी के संरक्षक व समाजवाद के पुरौधा मुलायम सिंह यादव ने सोमवार को 82 वर्ष की उम्र में मेदांता में अंतिम सांस ली। उनके निधन के साथ ही भारतीय राजनीति के युग का अंत हो गया। उनके निधन से समाजवादी पार्टी के साथ ही पूरा राष्ट्र शोकाकुल है। इसकी जानकारी होते ही चंदौली के सपाइयों में शोक की लहर दौड़ पड़ी। आज हर कोई उनके व्यक्तित्व, राजनीतिक सफर व देश व प्रदेश को दिए गए उनके योगदान को स्मरण कर रहा है।
विदित हो कि मुलायम सिंह यादव की पहचान देश के एक सशक्त व सफल राजनेता के रूप में स्थापित है। उन्होंने अपने कुशल नेतृत्व और ऊर्जावान राजनीतिक महत्वकांक्षा के बल पर किसान परिवार से देश रक्षामंत्री तक का सफर किया। कई बार यूपी के मुख्यमंत्री बने और उन्होंने दबे-कुचले वर्ग के उत्थान के लिए योजनाएं-परियोजनाएं दी। उन्हें यूपी के कई पिछड़े इलाकों को विकास की मुख्य धारा से जोड़ने का प्रमुख सूत्रधार माना जाता है। उनका व्यक्तिगत जीवन इतना शानदार रहा कि विरोधी दल के नेता भी उनका आदर एवं सम्मान करते हैं। उन्हें उनके उम्दा राजनीतिक व्यक्तित्व के लिए नेताजी के संबोधन के साथ जाना जाता है। उन्होंने डा. राममनोहर लोहिया के समाजवाद के परचम को थामा और उसे बुलंद किया। साथ ही उस परचम को लेकर पूरा देश घूमे। उन्होंने देश की तरक्की के लिए एक ऐसे समाज की परिकल्पना की, जिसमें सभी को समानता का अधिकार मिले। उनके राजनीतिक जीवन से कई विवाद भी जुड़े, लेकिन उन्होंने कभी अपना धैर्य नहीं खोया। अपने कार्यकर्ताओं व आमजनता, किसानों के प्रति उनके लगाव और संबंधों के निर्वहन के भाव-बोध के कारण लोग उनके धरती-पुत्र के नाम से भी पुकारते थे। वह एक सामान्य किसान परिवार से देश की राजनीतिक के ऊंचाईयों तक पहुंचे। आज उनके निधन देश को अपूरणीय राजनीतिक क्षति पहुंची है। साथ ही समाजवादी के एक युग का अंत माना जा रहा है। चंदौली के समाजवादी नेता राष्ट्रीय सचिव मनोज कुमार सिंह डब्लू, पूर्व सांसद रामकिशुन, सपा विधायक प्रभुनारायण सिंह यादव, पूर्व विधायक चकिया जितेंद्र कुमार‚ सपा जिलाध्यक्ष सत्यनरायन राजभर, जिला पंचायत सदस्य रमेश यादव ने सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया। कहा कि मुलायम सिंह का जाना देश की स्वच्छ राजनीतिक के लिए एक गहरा आघात है।