Young Writer, सकलडीहा। जिला प्रशासन द्वारा तहसील क्षेत्र के पांच गांव में वर्षों से काबिज भूमि को रायल ताल की जमीन बताते हुए अधिग्रहण करने की नोटिस जारी किया है। जिसे लेकर किसानों में काफी उबाल है। गुरुवार को किसानों ने महापंचायत के माध्यम से भूमि अधिग्रहण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। जिला प्रशासन से अधिग्रहण की सूचना को निरस्त करने की मांग उठाया।
तहसील क्षेत्र के दिघवट, फेसुड़ा, बरंगा, पंचदेवरा, जमुनीपुर आदि गांव के करीब 1818 एकड़ भूमि सरकारी (रायल ताल) बताते हुए सैकड़ों किसानों को भूमि अधिग्रहण के लिये नोटिस जारी किया गया है। जबकि उक्त भूमि पर वर्षाे से किसान खेती बारी और मकान बनाये हुए है। तहसील प्रशासन द्वारा जारी नोटिस को लेकर किसानों में उबाल है। दिघटव गांव में पांचों गांव के सैकड़ों किसान इक्टठा होकर जिला प्रशासन के इस निर्णय का पूरजोर विरोध करते हुए नोटिस को निरस्त करने की मांग उठाया है। किसानों ने चेताया कि सरकार और जिला प्रशासन लाख कोशिस कर ले लेकिन किसान अपनी एक ईंच भी भूमि का अधिग्रहण नही होने देंगे। अंत में एक नवम्बर से धरना प्रदर्शन शुरू करने की चेतावनी दिया है। इस मौके पर विरोध जताने वालों में किसान नेता मनमन सिंह, सरवन राजभर, कृष्णा राय,राज बहादूर सिंह, राम अवध राजभर, बृजेंद्र प्रताप उर्फ तूफान सिंह, नरसिंह मौर्य, राघवेंद्र सिंह ,मोनू राम, पंजाबी राजभर, मनोज राजभर आदि किसान मौजूद रहे।
इनसेट में……..
ओमप्रकाश राजभर ने किसानों को दिया था भरोसा
सकलडीहा। तुलसी आश्रम में पिछले दिनों आयोजित सावधान रैली के दौरान पांच गांव के सैकड़ों किसान भूमि अधिग्रहण की समस्या को लेकर पहुंचे हुए थे। मंच से ओपी राजभर ने मुख्यमंत्री से बात कर किसानों के हित का भरोशा दिया था। इसके बाद भी किसानों के जमीन अधिग्रहण होने की डर सताने लगा है। जिसे लेकर काफी नाराजगी है।