चिकित्सकों ने घरों के अंदर रहने की दी सलाह‚ बच्चे व बुजुर्गों को विशेष ध्यान देने की जरूरत
Young Writer, चंदौली। कृषि प्रधान चंदौली जनपद की आबोहवा अब सेहतमंद नहीं रही। इसमें धूल, विषैली गैस व प्रदूषण ने जहर घोल दिया है। जी हां! यह कोई हवाहवाई बात नहीं, बल्कि हवा की गुणवत्ता को जांचने वाली एजेंसी के आंकड़े हैं। रविवार को चंदौली जनपद का एयर क्वालिटी इंडेक्स 254 रहा। जो इंसानों के लिए बेहद खतरनाक माना जाता है। ऐसे में बाहर रहना लोगों के लिए लिए बिल्कुल ठीक नहीं है। शुभम-राज हास्पीटल के निदेशक डा. शैलेश श्रीवास्तव की माने तो छोटे बच्चों व जिन मरीज को सांस संबंधित बीमारी है उन्हें बाहर निकलने से परहेज करना चाहिए। क्योंकि इससे उन्हें सांस लेने में दिक्कत होने के साथ ही एलर्जी की समस्या हो सकती है।
विदित हो कि इन कुछ दिनों से जनपद के हवा की सेहत बिगड़ती जा रही है जो तेजी से लोगों की सेहत बिगाड़ रही है। मसलन लोग सर्दी-खासी, जुकाम के साथ ही अन्य प्रकार की समस्याओं से जूझ रहे हैं। वहां में धूल के कण व कूड़ा-करकट आदि जलाने से पैदा हो रही कई तरह के जहरीली गैस मिल रही है। रविवार के दिन जनपद का एयर क्वालिटी इंडेक्स 254 के आसपास रहा‚ जो शाम तक थोड़ा घटकर 223 तक पहुंचा। यह आकंड़ा जारी करने के साथ ही इसे खतरनाक बताते हुए इसे जांचने वाली एजेंसी ने चंदौली के लोगों के खास एडवाजरी जारी की। वेबसाइट पर साफ उल्लेख है कि ऐसी स्थिति में खुले माहौल में रहना बेहद खतरनाक है। इसलिए अपने आप को घरों के अंदर सुरक्षित रखें। इस वक्त जनपद में छठ पूजा धूमधाम से मनाया जा रहा है। ऐसे में सरोवरों व घाट पर खुले आसमान के नीचे बुजुर्ग महिलाओं व बच्चों की सेहत पर इसका असर पड़ने की पूरी आशंकाएं हैं।


इस बाबत शुभम-राज हास्पीटल के निदेशक डा. शैलेश श्रीवास्तव ने बताया कि प्रदूषण बढ़ने से हवा की गुणवत्ता गिरती जा रही है, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है। ऐसी स्थिति में बच्चों, बुजुर्ग व सांस संबंधित बीमारियों से ग्रसित लोगों को घरों के अंदर रखना उनके स्वास्थ्य के लिए सही होगा। इससे न केवल एलर्जी, बल्कि कई तरह की गंभीर स्वास्थ्य संबंधित बीमारियां हो सकती है। किसी भी प्रकार की समस्या होने तक तत्काल अपने नजदीकी अस्पताल में चिकित्सक से परामर्श व दवाएं लें और बाहरी माहौल में जाने से खुद को बचाए।