निकाय चुनावः चकिया में चेयरमैन पद पर तीसरी बार महिलाओं को मिला मौका

Young Writer: नगर निकाय

आरक्षण में महिलाओं को वरीयता के बाद चुनावी मैदान से बाहर हुए पुरुष प्रत्याशी

Young Writer, चकिया। नगर पंचायत चुनाव में अध्यक्ष पद और वार्ड सभासदों के जारी आरक्षण के बाद चुनावी गलियारे में गहमागहमी का माहौल व्याप्त हो गया है। नगर पंचायत के इतिहास में तीसरी बार महिलाओं को दावेदारी के लिए आरक्षण में मिली तरजीह के बाद जहां नगर की महिलाओं में हर्ष का माहौल व्याप्त है, वहीं आरक्षण की टकटकी लगाए पुरुष प्रत्याशियों में मायूसी देखी जा सकती है। विभिन्न पार्टी कार्यालयों पर एक तरफ जहां नेताओं और समर्थकों की चहलकदमी बढ़ गई है वहीं दूसरी तरफ एक दर्जन से अधिक महिला प्रत्याशियों ने अपनी अपनी टोली के साथ वार्डों में युद्ध स्तर पर कैंपेनिंग शुरू कर दिया है।
नगर पंचायत में अध्यक्ष पद के लिए पूर्व के वर्षाे में 2006 में राजद के टिकट पर दिवंगत चेयरमैन अशोक कुमार बागी की पत्नी मीरा जायसवाल और 2012 में सपा समर्थित होकर रवि प्रकाश चौबे की पत्नी रीता चौबे ने दावेदारी करते हुए जीत हासिल की थी। शासन ने एक बार फिर आरक्षण में महिलाओं को प्राथमिकता देते हुए महिला सशक्तिकरण की मिसाल पेश की है। वर्तमान में भाजपा के पैनल से पूर्व सभासद और पत्रकार गौरव श्रीवास्तव की पत्नी अर्चना श्रीवास्तव, समाजसेवी व व्यापारी कैलाश जायसवाल की पत्नी आरती जायसवाल, राजकुमार जायसवाल की पत्नी चंदा जायसवाल, के अलावा शिवरतन गुप्ता की पत्नी सीमा गुप्ता, प्रभात जायसवाल की पत्नी सुषमा जायसवाल, मनोज जायसवाल की पत्नी दिव्या जायसवाल के अलावा सपा के पैनल से रवि प्रकाश चौबे की पत्नी पूर्व चेयरमैन रीता चौबे, दिवंगत चेयरमैन अशोक कुमार बागी की पत्नी मीरा जायसवाल, पूर्व व्यापार मंडल अध्यक्ष अजय गुप्ता की पत्नी किरन गुप्ता मैदान में हैं। अब देखना है सपा, भाजपा, बसपा और कांग्रेस किस चेहरे को अपने पार्टी का टिकट देती है। चट्टी चौराहे और चाय पान की दुकानों पर पार्टी से टिकट नहीं मिलने के बाद मायूस प्रत्याशियों के निर्दल चुनाव लड़ने के भी चर्चाओं का बाजार गर्म है। फिलहाल कुछ भी हो अध्यक्ष पद की कमान महिलाओं के हाथ में आ गई है। अब देखना है नगर की जनता विकास की राह प्रशस्त करने वाली किस महिला नेत्री को अपना नेता चुनेगी।