Young Writer-चहनियां। केन्द्र व प्रदेश की भाजपा नीत सरकारें अपने आप को आम जनता के लिए समर्पित होना बताते हुए अनेक दावे करती रहती है। लेकिन धरातल पर सच्चाई कुछ और ही है। मोरंग बालू लदे बोगा ट्राली युक्त ट्रैक्टरों का आतंक चहनियां मारूफपुर क्षेत्र के राहगीरों व आम जनमानस के लिए सिर दर्द बन गया है। तिरगांवा सैदपुर के मध्य गंगा नदी पर बने पक्के पुल पर बिखरे मोरंग बालू व पत्थर दुर्घटना को दावत दे रहा है और शासन प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है।
चन्दौली जनपद को गाजीपुर सहित आसपास के कई जिलों को जोड़ने के लिए और आवागमन को सरल सुलभ बनाने के लिए वर्ष 1999-2000 में तत्कालीन सैदपुर विधायक व उत्तर प्रदेश सरकार में पंचायती राज मंत्री डाक्टर महेंद्र नाथ पाण्डेय के प्रयास से लोक निर्माण मंत्री कलराज मिश्र ने उक्त पुल का शिलान्यास किया था। जो वर्ष 2017 में करीब सौ करोड़ रुपए की धनराशि से बनकर तैयार हुआ और तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने लोकार्पित किया था। किन्तु आवागमन सुलभ बनाने की नियत से बना यह पुल स्थानीय शासन प्रशासन की लापरवाही व उदासीनता से राहगीरों के लिए दुर्घटना का सबब बन गया है। उक्त पुल के बीचो बीच हर सुबह 6 बजे से 9 बजे तक तिरगावां पुलिस पिकेट से मात्र 50 मीटर की दूरी पर मोरंग बालू लदे सैकड़ो बोगा ट्राली युक्त ट्रैक्टरों की मंडी सजती है। जो बालू में से पत्थर बीन बीन कर पुल पर फेंकते है और ट्राली से बालू झड़ता है। जिससे पुल के दोनों पटरियों पर बालू व पत्थरों का ढ़ेर लगा हुआ है। जो हवा चलने के साथ राहगीरों की आंखों में उड़कर पड़ता है और लोगों की सायकिल और मोटरसाइकिल फिसल जाती है। जिससे आये दिन दर्जनों लोग गिरकर घायल हो रहे है। लेकिन शासन प्रशासन किसी बड़ी दुर्घटना के इन्तजार में मुक दर्शक बना हुआ है, जिससे लोगों में आक्रोश पनप रहा है।