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Saturday, July 27, 2024

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अजब–गजब: 36 वर्ष में दलित के नाम आवंटित भूमि नहीं ढूंढ सका राजस्व विभाग

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लेखपाल पर गलत नापी कर गजेंद्रपुर के ग्रामीणों को परेशान करने का लग रहा आरोप
सात बार हुई नापी, हर बार अलग अलग भूमि का सीमांकन होने से लोगों में रोष

Young Writer, चंदौली‚ चहनियां। धानापुर ब्लॉक अंतर्गत गजेंद्रपुर (प्रसादपुर) गांव निवासी दलित जयप्रकाश राम के नाम 36 वर्ष पहले आवंटित हुई भूमि को राजस्व विभाग अभी तक नहीं ढूंढ पाया है। लेखपाल व कानूनगो ने इसके लिए सात बार नापी किया। और हर बार अलग अलग स्थान पर सीमांकन करके चले गए। जिसे लेकर दलित परिवार और दूसरे अन्य किसानों के साथ विवाद उत्पन्न हो गया है। आलम यह है कि यदि समय रहते यहां पर ध्यान नहीं दिया गया तो वह दिन दूर नहीं जब गांव में वर्ग संघर्ष की स्थिति उत्पन्न हो जाएगी।
दरअसल वित्तीय वर्ष 1987 में जयप्रकाश के पिता श्यामा के नाम तत्कालीन ग्राम प्रधान ने जिस जमीन का पट्टा किया था, वह कोई खेत नहीं, बल्कि पोखरी थी। जिसपर कब्जा दिलाने के नाम पर राजस्व विभाग के अधिकारी कर्मचारी उसे सिर्फ और सिर्फ आश्वासन देते रह गए। अब लगभग 36 वर्ष बीत गए हैं। जयप्रकाश क्षेत्रीय लेखपाल और कानूनगो के साथ मिलकर उक्त भूमि को ढूंढ रहे हैं। किंतु उन्हें उक्त भूमि नहीं मिल रही है। जयप्रकाश का आरोप है कि उनके नाम आवंटित भूमि के लिए अब तक 7 बार नापी हो चुकी है। हर बार लेखपाल और कानूनगो अलग अलग किसानों के भूमि में सीमांकन करके चले जाते हैं। इस वजह से पूरे गांव का माहौल खराब हो गया है। गांव निवासी एक व्यक्ति ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि एक जाति विशेष के दबंग लोग 4 डिसमिल जमीन दूसरे का कब्जा करके अपना घर बना लिए हैं और अपनी चोरी छिपाने के लिए वे लोग लेखपाल व कानूनगो को अनुचित लाभ देकर आस पास के सीधे साधे काश्तकारों के खेत में सीमांकन करा दे रहे हैं। इस वजह से गरीब परिवार को उनके नाम आवंटित भूमि तो नहीं मिली। ग्रामीणों का कहना है कि गजेंद्रपुर के हल्का लेखपाल दबंगों के जाल में फंसकर पूरे गांव को परेशान किये हुए हैं। इस बारे में पूछे जाने पर लेखपाल निवास वर्मा से उनके मोबाइल नंबर पर सम्पर्क करने की बहुत कोशिश की गई। किंतु उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।

-Young Writer, Chahaniya

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