Young Writer, चंदौली। जाली नोटों की तस्करी के मामले में अपर जनपद एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीय डा. जया पाठक की अदालत ने सुनवाई की। इस दौरान साक्ष्यों के अवलोकन व अधिवक्ताओं के तर्क को सुनने के बाद न्यायालय ने अभियुक्त श्याम बाबू कुमार को दोषी करार दिया। न्यायालय ने दोषी को उसे 10 वर्ष कारावास और 50 हजार रुपये अर्थदण्ड से दंडित किया है। अर्थदण्ड की राशि न देने पर अभियुक्त को छह माह की अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा भुगतनी होगी। अदालत में अभियोजन का पक्ष जिला शासकीय अधिवक्ता शशि शंकर सिंह, सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता अवधेश कुमार पांडेय व अपर शासकीय अधिवक्ता संजय त्रिपाठी ने रखा।
जिला शासकीय अधिवक्ता शशि शंकर सिंह ने बताया कि 12 जनवरी 2019 को एक व्यक्ति मालदा से नकली भारतीय मुद्रा लेकर पं दीनदयाल उपाध्याय रेलवे स्टेशन के रेलवे कॉलोनी गेट के पास पकड़ लिया गया। पकड़े गए अभियुक्त श्याम बाबू कुमार की तलाशी ली गई तो उसके जेब से तीन गाड़ियों में से दो हज़ार के नोट बरामद हुए, जिसका भौतिक निरीक्षण किया गया तो भारतीय जाली मुद्रा पाई गई, जो भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी की गई दो हजार की मुद्रा से मिलती जुलती थी। बरामद रूपयों की गणना की गई तो कुल 260 नोट दो हजार की पाई गई, जिसका योग 5.20 लाख था। इस मामले में अभियोजन की तरफ से न्यायालय में कुल 7 गवाह परीक्षित कराए गए जिससे अभियुक्त के विरुद्ध दोष साबित हुआ। जिस पर न्यायालय द्वारा श्याम बाबू कुमार को धारा-489ख आईपीसी में 10 वर्ष की कठोर कारावास तथा पचास हजार अर्थदण्ड से दंडित किया। अर्थदण्ड अदा न कर सकने की स्थिति में 6 माह की अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा भुगतनी होगी। धारा 489ग में 7 वर्ष के कठोर कारावास एवं पचास हजार रुपये अर्थदण्ड से दंडित किया गया। अर्थदण्ड अदा न कर सकने की स्थिति में अभियुक्त को 6 माह की अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा भुगतनी होगी। सभी सजाएं साथ में चलेंगी, जेल में बितायी गयी अवधि सजा की अवधि में समायोजित होगी।
-Young Writer, Chandauli