Chandauli News: जिला न्यायालय व जिला मुख्यालय के लिए चल रहे संघर्ष में गुरुवार को पैनापन देखने को मिला। चंदौली शहर की अस्मिता को बचाने के लिए गांवों के लिए सड़क पर निकले और पैदल कदमताल कर एकजुटता की मिसाल पेश की। कहा कि वह किसी के विरोध में नहीं, बल्कि अपने विकास के समर्थन में सड़क पर हैं। हमें चंदौली का सर्वांगीण विकास चाहिए, जिससे 26 वर्षों तक हम सभी वंचित रहे। जनप्रतिनिधि अपने दायित्वों को समझे और विकास में सहायक बने। यदि अवरोध पैदा किया तो अब उन्हें जनता करारा जवाब देगी। अभी हम सभी अपनी मांगों पर अडिग हैं। जनप्रतिनिधि अपने रवैये को नहीं बदले तो उनके विरोध में अडिग हो जाएंगे।
इस क्रम में गुरुवार की सुबह मुख्यालय से सटे मद्धूपुर, पुरवां, जगदीशसराय, धूरीकोट व कटसिला आदि गांव के सैकड़ों किसान व ग्रामीण अपने घर-गली, मोहल्ले से निकले और सड़क पर पहुंचे तो एक बड़ा हुजूम तैयार हो चुका था। सभी पैदल ही अपने-अपने गांवों से कदमताल करते हुए जिला मुख्यालय को कूच कर गए। इस दौरान नारेबाजी करते हुए ग्रामीण सीधे सदर ब्लाक होते हुए चंदौली कचहरी पहुंचे। वहां राष्ट्रगान के बाद अधिवक्ताओं के साथ नगर भ्रमण पर निकले। इस दौरान चंदौली बंद के आह्वान को पहले ही अपना समर्थन दे चुका व्यापारी वर्ग भी इस मुहिम में शामिल हो गया। जैसे-जैसे जुलूस नगर का भ्रमण कर आगे बढ़ता गया। जुलूस का दायरा और आकार वृहद स्वरूप लेकर पुनः चंदौली कचहरी पहुंचा। इस दौरान अधिवक्ता झन्मेजय सिंह ने व्यापारी व अधिवक्ता एकता को कायम रखने वाले व्यापारियों का आभार जताया। साथ ही गांव के प्रधानों व चंदौली नगर के वार्ड सभासदों के आपेक्षित सहयोग की भी सराहना की। कहा कि आज चंदौली के जन-जन से बता दिया कि हमें चंदौली का विकास चाहिए। इस मुद्दे पर किसी भी तरह की राजनीति बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यह बात जल्द से जल्द चंदौली के राजनेताओं को समझनी चाहिए। उन्हें अपने दायित्वों का निर्वहन करते हुए चंदौली के विकास में सहयोग करना होगा। मंच से विकास की बड़ी-बड़ी बातें करने से कुछ नहीं होने वाला है। इस अवसर पर दिलीप पासवान, भरत गिरी, प्रदीप यादव, पप्पू सिंह, प्रमोद पासवान, राजू मद्धेशिया, विवेक सिंह, आशुतोष प्रधान, बग्गड़ सिंह, बहादुर सिंह, शारदा बियार, शिवा पासवान आदि उपस्थित रहे।