चंदौली से बाइकों पर सवार होकर वाराणसी पीएमओ दफ्तर पहुंचे अधिवक्ता
Varanasi News: चंदौली जिला न्यायालय एवं जिला मुख्यालय निर्माण का आंदोलन अनवरत 39वें दिन चंदौली के अधिवक्ताओं की हुंकार की गूंज काशी स्थित पीएमओ दफ्तर सुनाई दी। अधिवक्ता सैकड़ांे बाइक पर सवार होकर चंदौली के विभिन्न इलाकों से होते हुए वाराणसी के प्रधानमंत्री कार्यालय पहुंचे और अपना मांग-पत्र दफ्तर सौंपना चाहा, लेकिन वहां चंदौली की जनता व अधिवक्ताओं की मांग से जुड़े पत्रक को लेने से इन्कार कर दिया गया। न तो स्थानीय प्रशासन पत्रक लेने को तैयार था और ना ही पीएमओ दफ्तर के प्रभारी व अन्य कोई कर्मचारी।
उसी दौरान अधिवक्ताओं के समर्थन में बार काउंसिल आफ उत्तर प्रदेश के पूर्व चेयरमैन व वर्तमान सदस्य हरिशंकर सिंह उतर आए और चंदौली के साथ वाराणसी के अधिवक्ताओं ने मिलकर वहीं धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया। ऐसी स्थिति में न्याया निर्माण संघर्ष समिति के अध्यक्ष झन्मेजय सिंह समेत तमाम अधिवक्ता अपनी मांगों को प्रधानमंत्री तक पहुंचाने की जिद के साथ वहीं धरने पर बैठ गए। झन्मेजय सिंह ने कहा कि या तो अधिवक्ताओं के पत्रक को स्वीकार किया जाए या फिर हम सभी को जेल भेजा जाए। क्योंकि हमारी मांगें जायज हैं। अगर प्रधानमंत्री अपने आप को प्रधान सेवक कहते हैं तो प्रधान सेवक के सेवकों का यह आचरण जनता की भावनाओं के साथ उचित नहीं है। अधिवक्ता अपने लिए कुछ मांगने नहीं आया है, बल्कि लगातार 26 वर्षों से चंदौली के साथ हो रहे अन्याय को अपने प्रधानमंत्री तक पहुंचाकर अपने दुख को बताकर न्याय की गुहार लगाने आया है। इस पर कमिश्नर वाराणसी के निर्देश पर एसीपी प्रवीण सिंह द्वारा अंततः अधिवक्ताओं का ज्ञापन लिया गया और यह भरोसा भी दिलाया गया कि जल्द से जल्द आपकी जायज मांगों से संबंधित आपके पत्रक को प्रधानमंत्री तक वाराणसी प्रशासन के जरिए भेजवाया जाएगा, तब जाकर अधिवक्ता शांत हुए। इस मौके पर लगातार दो घंटे तक पीएमओ दफ्तर वाराणसी पर चंदौली के अधिवक्ताओं ने धरना-प्रदर्शन कर प्रशासन को पत्रक ग्रहण करने के लिए मजबूर किया। जिसमें पूर्व चेयरमैन हरिशंकर सिंह का चंदौली के अधिवक्ताओं ने आभार जताया। इस दौरान धनंजय सिंह, अमित सिंह द्ददू, भूपेंद्र सिंह, सत्येंद्र बिन्द, संतोष पाठक, विद्या तिवारी, अमित त्रिपाठी, विकास सिंह, पंकज सिंह, मणिशंकर राय, संदीप सिंह आदि उपस्थित रहे।