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Sunday, December 22, 2024

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Chandauli: सरकारी स्कूल नहीं, आपकी व्यवस्था ही जर्जर है साहब!

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धनरिया में एक कमरे में पांच क्लासेस, ऐसे में कैसे पढ़ पाएंगे बच्चे?

Young Writer, इलिया : शिक्षा विभाग शिक्षा की अलख जगाने का दम भरता है। लेकिन बच्चों को जब स्कूल भवन ही नसीब न हो तो भला ये बच्चे आखिर अपनी जिंदगी कैसे गढ़ेंगे? आज हम आपको एक ऐसे ही स्कूल के बारे में बताने जा रहे हैं जहां एक से पांच कक्षाओं के विद्यार्थियों को एक साथ बैठाकर अलग-अलग कक्षाओं की पढ़ाई कराई जा रही है।

शहाबगंज विकास खण्ड के प्राथमिक विद्यालय धनरिया का हाल है। ये शिक्षा विभाग की जमीनी हकीकत बयां कर रहे हैं। प्राथमिक विद्यालय धनरिया के भवन का स्थापना वर्ष 1990-91 में हुआ था। जो वर्तमान मे जर्जर हो चुका है। उस अवस्थित जर्जर भवनों का ध्वस्तीकरण हेतु नीलामी की प्रक्रिया ब्लॉक संसाधन केंद्र शहाबगंज पर 19 जून को नीलामी की प्रक्रिया पूरी कर ली गई थी। नीलामी की प्रक्रिया पूर्ण करते हुए बोली में भाग लेने वाले इच्छुक व्यक्तियों को निर्देशित किया गया था की भवन का मलबा लगभग एक सप्ताह के भीतर हटा लेना होगा। लेकिन भवन के छत को गिरा तो दिया गया है लेकिन 2 महीनों से मलबा वैसे ही विद्यालय में बिखरा पड़ा है। जमीन पर मलबा बिखरा हुआ है। जिससे हमेसा खतरा बना रहता है। लेकिन जानकारी रहने के बाद भी विभाग ने अब तक कोई कार्यवाही नहीं की। इस साल शिक्षा सत्र शुरू होते ही छत गिरा दिया गया है। और पूरे विद्यालय ऑफिस को एक कमरे में शिफ्ट कर दिया गया है। जिससे बच्चों को अब एक ही कमरे में एक से कक्षा पांच कक्षाओं की पढ़ाई करनी पड़ रही है। विद्यालय में बच्चों और शिक्षक दोनों का कहना है कि एक ही कमरे में पांचों कक्षाओं की पढ़ाई नही हो पा रही है। विभाग की लापरवाही के कारण बच्चों एवं शिक्षकों को परेशानियां झेलनी पड़ रही है और ऐसा नही है कि शिक्षा विभाग इन सब बातों से अनजान है, लेकिन विभाग के आलाधिकारियों के पास इस सवाल का एक ही रटा रटाया जवाब है कि जल्द ही समस्या से बच्चों को निजात मिल जाएगी। बहरहाल देखना होगा कि शिक्षा विभाग आखिर कब तक भवनों की मरम्मत करा पाता है और बच्चों की पढ़ाई सुचारू रूप से हो पाती है।

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