News Chandauli: ब्रेथ ईजी टीबी, चेस्ट, एलर्जी केयर सेंटर की ओर से शनिवार को मुख्यालय स्थित कैंप कार्यालय” में चिकित्सीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें चंदौली, पड़ाव व आस-पास के सम्मानित चिकित्सक शामिल हुए। मुख्य वक्ता के रूप में ब्रेथ ईजी के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. एस.के पाठक उपस्थित रहे। इस दौरान उन्होंने आधुनिक पद्दति द्वारा अस्थमा, टीबी, एलर्जी, खर्राटा व चेस्ट संक्रमण जैसे गंभीर बिमारियों के इलाज के बारे में चिकित्सको को जानकारी दी।
बताया कि सांस फूलने के कई कारण हो सकते हैं, जिसमें अस्थमा, दमा, निमोनिया मुख्य हैं। इसके अलावा कभी-कभी खून की कमी, हार्ट एवं किडनी की बीमारी की वजह से भी सांस फूल सकती है। बताया कि अस्थमा में मरीजों को बार बार खांसी आना, सास फूलना, धुल-धुएं से एलर्जी, प्रायः कई बार छींक आना, बलगम के साथ कफ़ आना इत्यादि मुख्य लक्षण होते हैं। डब्लू.एच.ओ के अनुसार अस्थमा के कारण दुनिया में हर साल लगभग 2.5 लाख से ज्यादा लोगों की मृत्यु होती हैं। बताया कि “अस्थमा में मुख्यतः श्वांस नलियों में सूजन हो जाता हैं, जिसके कारण बाद में उन नालियों में सिकुड़न भी हो जाता हैं, जो साधारण दवाइयों से नहीं ठीक हो पाता हैं। इसके लिए एक विशेष प्रकार की थेरेपी का ईस्तमाल किया जाता हैं, जिसे इन्हेलेशन थेरेपी कहतें हैं। अस्थमा की बीमारी फेफड़ो से संबंधित हैं, इसलिए इसमें इन्हेलेशन थेरेपी का ही उपयोग होना चाहिए जोकि सीधे फेफड़ो में जाकर अपना काम करती हैं, जिससे अस्थमा के मरीज को 2-3 मिनट में ही आराम मिल जाता हैं। बताया कि एलर्जिक दमा को पता लगाने के लिए पी.एफ.टी द्वारा फेफड़े की कार्य-क्षमता के साथ-साथ एलर्जी की जांच कराना भी अत्यधिक जरुरी होती हैं, जिससे एक चिकित्सक को अपने मरीज के बारे में यह पता चलता हैं कि कौन से एलर्जी के कारण मरीज की साँस फूल रही हैं। संगोष्ठी में चंदौली जिला के डा. रमाशंकर सिंह, डा. शैलेश श्रीवास्तव, डा. दिनेश सिंह, डा. आनंद प्रकाश तिवारी, डा. चंद्रिका प्रसाद, डा अश्वनी कुमार आदि लोग मौजूद थे।