Chandauli News: शांतिकुंज हरिद्वार द्वारा संचालित भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा से शिक्षा ही नहीं जीवन विद्या भी मिलती है। इस वर्ष भी प्रदेश के सभी जनपदों में आयोजित है, जिसकी तैयारी तेज हो गई है। गत वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष विद्यालय के शिक्षकों व छात्रों में उत्साह दिखाई दे रहा है। परीक्षा की तिथि 7 अक्टूबर निर्धारित है। परीक्षा में स्थान पाने वाले छात्र छात्राओं को ज़िले पर समारोह पूर्वक पुरस्कार सम्मान प्रदान किया जाएगा।
यह जानकारी देते हुए जिला संयोजक हरिहर विश्वकर्मा ने बताया कि यह परीक्षा-छात्र छात्राओं के बौद्धिक, तार्किक, संवेदनात्मक और आत्मिक क्षमताओं के एकसाथ आकलन का एकमात्र साधन है। यही नहीं परीक्षा की तैयारी के लिए उपलब्ध कराई जाने वाली पाठ्य पुस्तक छात्र-छात्राओं में इन क्षमताओं की वृद्धि में सहायक होती है।
बताया कि शांतिकुंज के मनीषियों का मानना है कि लगातार 3 वर्षाे तक मन लगाकर यह परीक्षा देने वाले छात्र-छात्रा को बनने से कोई रोक नहीं सकता है। कम से कम उसके बिगड़ने के मौके शून्य हो जाते हैं। कहा कि विभिन्न भाषाओं में संपूर्ण भारत और नेपाल में आयोजित यह परीक्षा ओएमआर सीट पर कराई जाती है। जनपद में 50 हजार छात्रों को परीक्षा में शामिल कराने का लक्ष्य लिया गया है। भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा के सुचारु आयोजन हेतु शांतिकुंज के अनुरोध पर राज्य के माध्यमिक और बेसिक शिक्षा निदेशकों के साथ साथ विश्वविद्यालयों के उपकुलपतियों ने आवश्यक दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं जो उचित माध्यमों से विद्यालयों तक पहुंच गए हैं। बताया कि जनपद में जिला विद्यालय निरीक्षक जय प्रकाश ने बीते 5 जुलाई को ही शिक्षा निदेशालय के पत्र को संज्ञान में लेते हुए कक्षा-5 से 12 तक के छात्र-छात्राओं को परीक्षा में शामिल होने का निर्देश जारी किया है। इसके अलावा ज़िले में जिला संयोजक के प्रतिनिधि विद्यालयों से सम्पर्क कर रहे हैं और पंजीयन सूची प्राप्त कर छात्रों को पाठ्य सामग्री प्रदान कर रहे हैं। छात्रों का पंजीयन 15 सितंबर तक चलेगा। उन्होंने कहा निर्धारित परीक्षा शुल्क जमा कर पाठ्य पुस्तकें प्राप्त लें।