Chandauli कचहरी में संघर्ष समिति के अध्यक्ष झन्मेजय सिंह ने की प्रेसवार्ता
Chandauli News: जिला न्यायालय एवं मुख्यालय निर्माण संघर्ष समिति ने आठ सितंबर को प्रस्तावित चंदौली से दिल्ली न्याय पदयात्रा को लेकर प्रेसवार्ता की। इस दौरान उन्होंने पदयात्रा के रूटमैप व उसके पुनीत उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। कहा कि उक्त पदयात्रा चंदौली जिला मुख्यालय के विकास व अधिवक्ता सुरक्षा अधिनियम के उद्देश्य को लेकर चंदौली से दिल्ली तक जाएगी। बीच में लखनऊ पहुंचकर सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात व बातचीत का प्रयास होगा। यदि उनके द्वारा चंदौली के विकास की दिशा में सार्थक पहल करते हैं तो पदयात्रा वहीं से लौट आएगी, अन्यथा दिल्ली पहुंचकर चंदौली के अधिवक्ता अपनी बातों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष रखने का काम करेंगे। उन्होंने चंदौली की आवाम का आह्वान किया कि आठ सितंबर को सुबह 11 बजे चंदौली कचहरी पहुंचकर पदयात्रा को सम्मानपूर्वक विदाई देने के साथ ही अपने स्नेह व आशीर्वाद से नवाजे।
उन्होंने बताया कि चंदौली का सृजन वर्ष 1997 में हुआ, उसके 26 साल बीतने के बाद भी चंदौली जनपद विकास की किरण से कोसों दूर है। यहां दीवानी न्यायालय भवन, न्यायिक अधिकारियों का आवास नहीं बन सका, जिसकी वजह से अधिवक्तागण, वादकारीगण व न्यायिक अधिकारियों को कार्य करने में असुविधा महसूस होती है। इसके अलावा जनपद चंदौली में पुलिस लाइन, जिला जेल, रोडवेज डिपो, रोडवेज स्टैंड, विकास भवन, स्टेडियम, सेल टैक्स आफिस, इनकम टैक्स आफिस, एआरटीओ आफिस आदि प्रमुख कार्यालयों का भवन आज तक नहीं बन सका है। इतना ही नहीं डीएम चंदौली, एसपी, एडीएम समेत तमाम जिला स्तरीय अफसर एवं जिला जज समेत तमाम न्यायिक अधिकारी किराए के भवन या दूसरे विभागों के भवनों में रह रहे हैं। कहा कि 26 साल बाद भी यहां के प्रमुख आला अधिकारी न तो अपना सरकारी आवास बना सके और ना ही उपरोक्त इंफ्रास्ट्रक्चर कायम करा सके। जो कि एक जिला चलाने के लिए आवश्यक होता है। चंदौली के साथ सृजित हुए कई जिले बहुत पहले अपने पूर्ण अस्तित्व को प्राप्त कर चुके हैं। जिला भदोही इसका सबसे नजदीकी व ज्वलंत उदाहरण है। कार्यकारी अध्यक्ष धनंजय सिंह ने कहा कि शासनादेश के विपरीत यहां के अधिकांश अधिकारी मुख्यालय पर निवास नहीं करते। चंदौली के विकास के मुद्दे पर जिला प्रशासन न केवल जनता से झूठ बोल रहा है, बल्कि हाईकोर्ट के मुख्य न्यायमूर्ति जो वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चन्द्रचूड़ के समक्ष भी झूठा हलफनामा दे चुके हैं। बताया कि इस मुद्दे पर पत्राचार करने पर अधिवक्ताओं ने 52 हजार रुपये खर्च कर डाले हैं, लेकिन जिला प्रशासन व जनप्रतिनिधि अभी भी उदासीन बने हुए हैं। चंदौली के विकास के लिए अधिवक्ताओं का एक प्रतिनिधिमंडल चंदौली से दिल्ली वाया लखनऊ पैदल निकल रहा है और यह प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री से मिलकर चंदौली के विकास का निवेदन करेगा। इस मौके पर सत्येंद्र बिंद, राकेश रोशन बागी, उज्ज्वल सिंह मौजूद रहे।
…ये हैं चंदौली अधिवक्ताओं की मांगें
चंदौली। जिला न्यायालय एवं मुख्यालय निर्माण संघर्ष समिति चंदौली में दीवानी न्यायालय भवन का निर्माण के साथ न्यायिक अधिकारियों के आवास के निर्माण की मांग कर रहे हैं। इसके अलावा पुलिस लाइन, जिला जेल, रोडवेज डीपो व रोडवेज स्टैंड, जिला स्तरीय स्टेडियम, विकास भवन, एआरटीओ दफ्तर, सेल टैक्स व इनकम टैक्स आफिस जनपद चंदौली मुख्यालय पर एनएच-2 पर सड़क का निर्माण फ्लाईओवर ब्रिज का निर्माण कार्य अविलंब प्रारंभ कराया जाय। इसके अतिरिक्त जनपद के अन्य महत्वपूर्ण जिला स्तरीय सरकारी कार्यालयों को चंदौली मुख्यालय पर अविलंब स्थापित किया जाए। अधिवक्ता सुरक्षा कानून को लागू किया जाए।
अधिवक्ताओं को मिला ग्राम प्रधानों का समर्थन
चंदौली। न्यायालय निर्माण संघर्ष समिति की ओर से आयोजित धरना प्रदर्शन में बुधवार को सदर विकासखंड के कई ग्रामों के प्रधानों ने सदर तहसील पहुंचकर धरना कर रहे अधिवक्ताओं का समर्थन किया। इस दौरान अधिवक्ताओं ने उनका माल्यार्पण का स्वागत किया और न्याय यात्रा के दौरान शामिल होने का आह्वान किया। इस दौरान अधिवक्ताओं ने कहा कि न्यायालय संघर्ष समिति की ओर से धरना प्रदर्शन किया जा रहा है लेकिन कोई भी आधिकारियों व जनप्रतिनिधि अधिवक्ताओं के मांगों पर विचार नहीं कर रहा है। सभी प्रधानों ने अधिवक्ताओं का समर्थन किया और संघर्ष में शामिल होने का संकल्प लिया। इस दौरान ग्राम प्रधान नामवर सिंह, योगेश कुमार लड्डू, आशुतोष यादव, अंकित सिंह, प्रमोद कुमार पासवान, ओमप्रकाश, निरंजन मौर्य, जितेंद्र कुमार,गौतम कुमार, रामाश्रय कुमार, कृष्ण सोनकर, सुभाष कुमार सहित कई गांव के ग्राम प्रधान शामिल रहे। वहीं सिविल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष चंद्रभानु सिंह,डिस्ट्रिक्ट डेमोक्रेटिक बार के अध्यक्ष जयप्रकाश सिंह और जन्मेजय सिंह व धनंजय सिंह ने प्रधानों के समर्थन पर खुशी जताई और कहा कि जिस प्रकार से प्रधान अधिवक्ताओं के आंदोलन में शामिल हुए हैं वे बधाई के पात्र हैं।