गंगा कटान से हुए नुकसान, उसकी भरपाई व समस्या के निदान पर होगी चर्चा
News Chandauli: गंगा कटान जैसे गंभीर व अतिमहत्वपूर्ण जनसरोकार से जुड़े मुद्दे को लेकर समाजवादी पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय सचिव मनोज सिंह डब्लू गुरुवार को महुजी से पदयात्रा करेंगे। गंगा कटान मुक्ति जनसम्पर्क यात्रा उन निरीह, बेबश व लाचार ग्रामीणों की आवाज को उठाने का काम करेगा, जिसे आज तक स्थानीय प्रशासन, जनप्रतिनिधियों व शासन ने अनसुना किया। पदयात्रा में गंगा कटान से हुए नुकसान, उसकी भारपाई के लिए पीड़ित परिवारों को उचित मुआवजा देने की मांग को मजबूती के साथ उठाया जाएगा। साथ ही इस बात पर स्थानीय लोगों से सुझाव लिए जाएंगे, जिससे उनके इलाके में गंगा कटान को पूरी तरीके से निष्प्रभावित किया जा सके। साथ ही उन सुझावों को सरकारी अमलीजामा पहनाने की कवायदें भी पदयात्रा में तय की जाएगी और यह सबकुछ सपा नेता मनोज सिंह डब्लू की अगुवाई में होगा।
14 सितंबर यानी गुरुवार को महुजी के तट पर शुरू हो रहे कार्यक्रम के बाबत जानकारी देते हुए सपा नेता मनोज सिंह डब्लू ने बताया कि यह कार्यक्रम जनता के द्वारा जनता के लिए प्रभावित है जिसे जनता ही सफल व सशक्त बनाएगी। बताया कि गंगा कटान मुक्ति जनसम्पर्क यात्रा गुरुवार को सुबह 10 बजे महुजी गांव से शुरू होगी। इसके बाद उक्त यात्रा वीरासराय, अवही, हिनौता, जिगिना, मेढ़ना, दवनपुरा, नदहा, मन्नी पट्टी होते हुए गुरैनी पहुंचेगी, जहां जनसम्पर्क यात्रा गंगा आरती के साथ उस दिन के लिए स्थगित रहेगी। अगले दिन शुक्रवार को डबरीया से आगे के पड़ाव की ओर कूच किया जाएगा।
Manoj Singh W ने बताया कि उक्त कार्यक्रम में गंगा कटान रोकने हेतु तत्काल कार्ययोजना बनाने की मांग होगी। इसके अलावा गंगा कटान में जिन किसानों की जमीन चली गयी है उन्हें उचित मुआवजा व जमीन का आवंटन करने की मांग को उठाया जाएगा। गंगा के तटवर्ती इलाके में निवास करने वाले जिन लोगों के मकान व बस्तियों के अस्तित्व पर कटान का संकट है उन्हें अन्यत्र विस्थापित व बसाने की दिशा में त्वरित कार्यवाही किए जाने की मांग स्थानीय प्रशासन व शासन से होगी, ताकि जन व धन हानि को रोका जा सके। इसके अलावा गंगा कटान से चंदौली जनपद में जितना नुकसान आमजन का हुआ है उसके सापेक्ष पीड़ित व प्रभावित परिवारों को शासन जरूरी सुविधाएं व सहायता प्रदान कराए। नुकसान के आंकलन के लिए शासन स्तर पर एक कमेटी गठित हो। आह्वान किया कि उक्त कार्यक्रम में शामिल होकर गंगा के तटीय इलाके में बसे लोग शामिल हों और अपनी बातों को मजबूती के साथ शासन-प्रशासन तक पहुंचाने के लिए आगे आएं।