चंदौली। सूर्यदेव के आराधना का महापर्व डाला छठ रविवार को श्रद्धा के साथ मनाया गया। इस दौरान व्रती महिलाओं ने अस्ताचल सूर्य भगवान को अर्घ्य देकर पुत्रों के लंबी उम्र की कामना की। नगर के काली पोखरे व साव जी के पोखरे पर अर्ध्य देने के लिए हजारों व्रती महिलाओं का हुजूम उमड़ा। वही पोखरे के आस पास मेले जैसा माहौल रहा जहा बच्चों ने जमकर खरीदारी की
दोपहर बाद से ही नगर में श्रद्धालु सिर पर पूजा सामग्री रखकर व्रती महिलाओं के साथ बैंडबाजे व डोल,नगाड़े बजाते झूमते गाते घाटों की तरफ जा रहे थे। शाम होते-होते दोनों पोखरों पर हजारों श्रद्धालु इकट्ठा हुए। छठ मईया का गीत गाता महिलाओं का समूह मनोहारी छटा बिखेर रहा था। आलम यह था। कि घाट पर पैर रखने तक की जगह नहीं बची। महिलाएं वेदी पूजन के बाद नदी में सामने खड़ी होकर सूर्यदेव के डूबने का इंतजार करने लगी। अर्घ्य के बाद कुछ महिलाएं अपने घर लौटीं सभी घाट दीपमालाओं से सजे रहे। लोगों ने पोखरों व घाटों पर दीप दान भी किया
इनसेट……
छठ गीतों से गूंजा पूरा नगर
चंदौली। व्रती महिलाएं छठ मईया के गीत गाते हुए अपने परिवार व रिश्तेदार के साथ तालाबो के घाटों पर पहुची। इसके चलते हर घाट पर भारी भीड़ हो गई। घाटों पर मेले जैसा दृश्य दिख रहा था। कुछ लोगों ने चाय, चाट और गुब्बारा आदि की दुकान रखा था। बच्चे इसकी खूब खरीदारी कर रहे थे। शाम होते ही व्रती महिलाओं ने अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया। इसके बाद फिर छठ मईया के गीत गाते हुए घर आ गईं। रात में छठ मईया के किस्से और कहानियां सुनाई गईं।
इनसेट…….
दुधिया रोशनी से जगमग रहे घाट
चंदौली। नगर के छठ घाटों को जगमग करने के लिए नगर नगर पंचायत कई दिनों से तैयारी कर रहा था। नगर के सभी घाटों पर जनरेटर की व्यवस्था की गई थी। पोखरे के चारों ओर लाइट जल रही थी। इससे व्रती महिलाओं और अन्य लोगों को कोई दिक्कत नहीं हुई। वहीं भगवान भास्कर के अस्त होते ही बच्चों ने पटाखे फोड़े। राकेट से आसमान सतरंगी हो गया था।
इनसेट………
सुरक्षा के रहे पुख्ता इंतजाम
चंदौली। श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे। पुलिस के आला अधिकारी सुरक्षा व्यवस्था पर नजर रखी। मुख्य बाजार से पोखरे की तरफ जाने वाले सभी मार्गो पर छोटे-बड़े सभी वाहनों का आवागमन रोक दिया गया था। जगह-जगह पुलिस के जवान तैनात थे। तालाबो के घाटों पर सुरक्षा की कमान सीओ रामवीर सिंह व थानाध्यक्ष राजीव कुमार सिंह व उनके हमराही संभाले हुए थे।