माहो से बचने के लिए सरसों की फसल को पर करें दवा का छिड़काव
चंदौली(Chandauli, Weather News): जनपद में बार-बार मौसम का मिजाज बदलने से किसानों की चिंता बढ़ गई है। इन दिनों आसमान में बादल छाने और सर्द हवाएं चलने से किसान सहम गए हैं। किसानों का मामना है कि यदि बारिश संग ओलावृष्टि हुई तो सरसों आलू और अगैती मटर व चना फसलों को नुकसान पहुंचेगा। ऐसे में आगैती सरसों की फसल को नुकसान हो सकता है।इससे माहो कीटों के बढ़ने का खतरा बढ़ जाएगा। ऐसे किसानों को फसलों पर दवा का छिड़काव करना जरूरी है।
जनपद Chandauli में पिछले दो दिनों से मौसम गर्म हो रहा था। लेकिन मंगलवार की सांयकाल आसमान में बादल छाने के साथ ठंडी हवाएं चलने से मौसम का मिजाज बदला हुआ नजर आया। इससे किसानों को चिंता सताने लगी है। बारिश हुई तो अगैती गेहूं को तो फायदा होगा, लेकिन आलू, चना और सरसों की फसल को नुकसान हो सकता है। सरसों में माहों कीट का खतरा बढ़ जाएगा। यही नहीं अभी किसानों के धान खेत और खलिहान के साथ क्रय केंद्र पर पड़े हुए है। अगर बारिश होगी तो किसानों को काफी नुकसान होगा। वही पिछड़ी गेहूं, चना, सरसों, मटर की फसल काफी नुकसान होगा।इसे लेकर किसने की चिंता मौसम से बढ़ती जा रही है।जिले में इस बार लगभग 470 हेक्टेयर में सरसों की खेती की जा रही है। मौसम में उतार-चढ़ाव से सरसों के फूलों पर माहों कीट का खतरा बढ़ जाता है। किसान बताते हैं कि अगैती फसलों को बचाने के लिए उपाय नहीं किए गए तो सरसों की फसल नष्ट होने का खतरा बढ़ जाएगा। लिहाजा सरसों के फूलों पर कीटनाशक का छिड़काव करना होगा। वहीं कृषि वैज्ञानिक डा. अभय दीप गौतम ने बताया माहों की रोकथाम के लिए क्लोरपायरीफास-20 दवा एक लीटर या मोनोक्रोटोफास-36 एसएल दवा एक लीटर सात से आठ सौ लीटर पानी में घोल तैयार कर प्रति हेक्टेयर के हिसाब से खेत में छिड़काव करें तो माहों के प्रकोप से सरसों की फसल को बचाया जा सकता है।