Chandauli: देवरियां कांड में स्थानीय सत्र अदालत के फैसले के बाद सोमवार को भाकपा माले सड़क पर नजर आया। इस दौरान भाकपा माले ने Chandauli कलेक्ट्रेट पहुंचकर मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपा। इस दौरान भाकपा माले सचिव अनिल पासवान ने कहा कि देवरिया की सत्र अदालत ने चार में से तीन हत्यारों को बरी कर दिया, सिर्फ एक को दोषी करार देकर सजा दी। जबकि दूसरे पक्ष के 40 लोगों को दोषी ठहराते हुए दिनांक 16-2-2024 को दस-दस साल का कारावास और जुर्माना लगाकर जेल भेज दिया। जो सत्ता और दबंग गठजोड़ का असर है।
उन्होंने कहा कि जेल भेजे गए ग्रामीणों में आधे से अधिक 60 वर्ष की ऊपर की उम्र के हैं और लगभग सभी भूमिहीन एवं गरीब हैं। जिस प्रकरण में सजा हुई है, उसमें गरीब लोग गांव के एक दबंग परिवार के विरुद्ध संघर्ष कर रहे थे। दबंग परिवार अपराधियों के साथ मिलकर ग्रामीणों से जबरन बेगारी कराता था, सूदखोरी करता था, अन्य सामंती तौर-तरीकों से गरीबों का शोषण व उत्पीड़न करता था, जिससे मुक्ति के लिए ग्रामीण गरीब तत्कालीन Indian People’s Front (IPF) के नेतृत्व में लोकतांत्रिक तरीके से लड़ रहे थे। उन्हें झूठे मुकदमे में फंसाया गया।
शशिकांत सिंह ने कहा कि शोषण से मुक्ति के खिलाफ न्यायपूर्ण संघर्ष में गरीबों और उनके नेताओं को सजा मिली है। यह गरीबों की आवाज को कैद करने की कोशिश है। यह लोकतंत्र और बराबरी के समाज निर्माण की लड़ाई के प्रति अन्याय है। यह राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित है। जेल और दमन के बल पर विपक्ष को चुप कराने का प्रयास है। यह सत्तारूढ़ भाजपा की साजिश है।
अखिल भारतीय किसान महासभा जिलाध्यक्ष श्रवण मौर्य ने कहा की मिर्जापुर जिले में भाकपा (माले) से जुड़े रामसागर पुत्र बहादुर (निवासी गांव पुरानीपुर, थानाक्षेत्र लालगंज) समेत दर्जनों ग्रामीणों को जिला बदर करने का फरमान जारी किया गया है। यही नहीं, गाजीपुर, आजमगढ़ और सीतापुर में भी पार्टी के नेताओं को फर्जी मामलों में अभियुक्त बना दिया गया है। किसान महासभा जिलाध्यक्ष ने मांग किया कि रामकिशोर वर्मा और पार्टी के कार्यकर्ताओं सहित सभी 40 ग्रामीण गरीबों को बाइज्जत बरी किया जाए। साथ ही, मिर्जापुर में जिला बदर करने की कार्रवाई और गाजीपुर, आजमगढ़ व सीतापुर के फर्जी केस रदद् किये जाएं। ज्ञापन सौंपने वालों में एपवा की श्यामदेयी राय, राम दुलार बिंद, रामायण राम, किस्मत यादव, ठाकुर प्रसाद समेत विजई राम, चंद्रिका यादव, सूचित राम, उमा चौहान शामिल रहे।