आज भी ढिबरी युग में जी रहे Aurwatand के लोग पगडंडियों के सहारे करते हैं आवागमन
सुविधाएं नहीं तो वोट नहीं की तर्ज पर शुक्रवार को किया विरोध प्रदर्शन
Naugarh: आजादी के बाद से ढिबरी युग में जीवनयापन कर रहे औरवाटांड़ (Aurwatand) गांव के लोगों ने ग्रामीण राम अवध के नेतृत्व में शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन कर लोकसभा चुनाव में मतदान का बहिष्कार की चेतावनी दी है। CHAKARGHATTA थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत चिकनी के औरवाटांड़ गांव में आजादी के बाद से गांववासी ढिबरी युग में जीवन जीने को विवश हैं। गांव में आने जाने के लिए पक्की सड़क का अभाव होने के साथ ही प्राथमिक विद्यालय भी नहीं है।
इस दौरान ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि आजादी के काफी पूर्व से बसे औरवाटांड़ गांव में अब तक सरकारी सुविधा नहीं पहुंच पायी हैं। सरकार की पहल पर राशन की दुकान से मिलने वाला मिट्टी का तेल बिक्री प्रतिबंधित होने से अंधेरे में रात गुजारना होता है। चुनावों के दौरान गांव में मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने का आश्वासन देकर प्रत्याशी वोट हासिल कर विजयी होने पर अपना वादा भूल जाते हैं। गांव में बिजली सड़क व प्राथमिक विद्यालय के लिए अनेकों बार तहसील समाधान दिवस‚ DM Chandauli व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आदि को प्रार्थना पत्र दिया गया। जिसपर कोई भी सुनवाई नहीं हुई।
ग्रामीणों को मूलभूत सुविधाओं का लाभ से वंचित होने की जानकारी पाकर पूर्व विधायक सैयदराजा मनोज कुमार सिंह डब्ल्यू ने बीते वर्ष गांव में पहुंच कर मौके पर से ही अधिशासी अभियंता विद्युत को फोन कर के 15 दिन में बिजली नहीं पहुंचने पर बंधक बनाने की चेतावनी दिया था। वहीं विधायक चकिया कैलाश खरवार ने गांव में 10 सोलर लाईट की स्थापना कराया है, जिससे अब जगह जगह प्रकाश की सुविधा मिलने लगी है।
औरवाटांड़ गांव में 135 परिवार निवास करता है। जिन्हें तहसील ब्लाक मुख्यालय अस्पताल जाने व नजदीकी बाजार नौगढ में सामान की खरीदारी करने के लिए 02 किलोमीटर की दूरी जंगली पगडंडियों से चलकर पक्की सड़क पर पहुंच कर आवागमन करना होता है। शिक्षा प्राप्त करने के लिए भी बच्चों को 02 किलोमीटर दूर आसीन प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालय चिकनी पहुंचना पड़ता है। आक्रोशित ग्रामीणों ने बताया कि मूलभूत सुविधाओं की सुविधा गांव में नहीं पहुंचने पर आगामी लोकसभा चुनाव में मतदान का बहिष्कार किया जाएगा। विरोध प्रदर्शन करने वालों में कन्हैया लाल, रामसूरत, रामलाल, रामचेला, संतोष, विश्वनाथ, बिंदेश्वरी, बचिया, फुलमती, तारा, रमावती, सुशीला, मुन्नी, कौशिल्या आदि शामिल रहे।