तेज धूप व गर्म हवा के बीच गर्भवती महिलाओं को बाहर निकलना हो सकता है घातक
चंदौली। गर्मी की शुरू होते ही गर्म हवाओं का प्रकोप भी बढ़ने लगा है। इससे गर्म हवाएं मतलब लू लगने की संभावना बढ़ जाती है। और लोगो को गंभीर अवस्था में इलाज नहीं मिलने पर मौत भी हो जाती है। लू से बचने के लिए सही खानपान जरूरी है। ऐसे में विशेषकर नवजात शिशुओं व गर्भवती महिलाओं के पोषण का ख्याल रखा जाना बहुत जरूरी होता है। उक्त बातें आदित्य मैटर्निटी एवं नर्सिंग होम हॉस्पिटल की स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. विजयलक्ष्मी पांडे ने बताया
कहा कि तेज़ गर्मी में गर्भवती महिलाओं को भोजन में हरी सब्जी की मात्रा बढ़ाने के साथ भरपूर मात्रा में पानी पीना चाहिए। इसके अलावा मौसमी फल, दही व छाछ जैसी खाद्य पदार्थ का सेवन भी काफी उपयोगी है। गर्भवती महिलाओं को खाली पेट नहीं रहना चाहिए। गर्मी में लू के मद्देनजर गर्भवती महिलाएं गर्मी के मौसम में घर से निकलने में बिल्कुल परहेज करें। यदि घर से बाहर निकलना अनिवार्य हो तो खाली पेट घर से बाहर न जाएं। लू लगने की स्थिति में चिकित्सकीय परामर्श जरूरी ले और प्राथमिक उपचार के तौर पर ओआरएस का घोल जरूर ले ताकि उल्टी व दस्त की समस्या को दूर किया जा सके। विशेष परेशानी होने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र अथवा निजी चिकित्सालय में जाए। तेज धूप व गर्म हवा के बीच गर्भवती महिलाओं का निकलना घातक होता है। गर्भवती महिला को लू लगना उनके गर्भस्थ शिशु को भी नुकसान पहुंचा सकता है। घर से बाहर निकलने से पहले पूरी सावधानी बरतें। छाता व तौलिया आदि का इस्तेमाल जरूर करें। बहुत ही आवश्यक होने पर ही पूरी सुरक्षा के साथ घर से बाहर निकलें। और ओआरएस व इलेक्ट्रोल अवश्य घर में रखें गर्भवती महिलाएं गर्मी में बाहर निकलने से पहले प्रचूर मात्रा में नींबू पानी या सत्तु आदि पीकर निकले जो लू के असर को रोक सकता है। इसके साथ ही घर में इलेक्ट्रॉल पाउडर व ओआरएस आदि भी रखें ताकि समय पड़ने पर इसका उपयोग किया जा सके। इनके नहीं रहने पर नींबू पानी चीनी और थोड़ा नमक का शरबत बनाकर दिया जा सकता है। लू से बचाव के लिए बेहतर उपाय है।
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गर्भवती महिलाएं ऐसे पहचाने लू के लक्षण
उल्टी या जी मिचलाना बुखार का होना त्वचा का लाल, गर्म एवं सूखा होना बेहोशी या चक्कर आना घबराहट या संशय का बढ़ जाना अत्यधिक आलस्य या सुस्ती होना लू के लक्षण हो सकते हैं।