चहनियां। डेढ़ वर्ष चुप रहने के बाद खनन माफिया फिर से सक्रिय हो गये है। जो बिना लाइसेंस के मानक के विपरीत मिट्टी खुदाई करा रहे है। यह कार्य भोर से सुबह तक चल रहा है। गंगा किनारे खुदाई करने से ग्रामीणों को भी खतरा बढ़ गया है।
सरकार द्वारा गंगा किनारे गांवो को कटान से बचाने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है। किन्तु खनन माफियाओं ने तो हद ही कर दी है। डेरवा खुर्द गांव में गंगा किनारे से महज 500 से 700 मीटर पर एक तो बिना लाइसेंस के खनन किया जा रहा है। ऊपर से 8 से 9 फीट की खुदाई हो रही है। जबकि खुदाई करने का मानक महज तीन फीट ही है। खनन माफियाओं द्वारा यह कार्य भोर से रात तक कराया जा रहा। जो जेसीबी से खनन कर दर्जनों ट्रैक्टर से ढुलाई किया जा रहा है। 8 से 9 फीट की खुदाई करने से गांवों का भी अस्तित्व खतरे में आ जायेगा। खनन माफिया द्वारा मनमाने तरीके से दबंगों द्वारा कराया जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है। कि बाढ़ के दौरान ये मिट्टी ही पानी को रोकता है। जो ज्यादा मात्रा में खनन होने पर पानी तेजी से गांव में आ जायेगा। हर तरफ तबाही हो सकती है। किन्तु खनन माफियाओं को इससे कुछ भी लेना देना नही है। उन्हें तो सिर्फ रुपयों से मतलब है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि इन्हें नही रोका गया तो आने वाले बाढ़ के दिनों में लोगो को गांव छोड़कर पलायन होना पड़ेगा।