Chandauli लोकसभा से बतौर पीडीएम उम्मीदवार चुनाव लड़ेंगे जवाहिर बिंद
Young Writer: अपना दल कमेरावादी की पल्लवी पटेल ने पीडीएम गठबंधन की पहली सूची जारी कर सूबे में नए राजनीतिक समीकरण की नींव रखी। पीडीएम प्रत्याशियों की पहली सूची में जिन लोकसभा क्षेत्रों का उल्लेख है, वहां एकाएक हार-जीत के समीकरण में बदलाव की चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया। नए समीकरण को एनडीए और पीडीए का नारा देने वाली इंडिया गठबंधन दोनों के लिए खतरा बताया जा रहा है। इसमें लोकसभा क्षेत्र चंदौली भी शामिल है।
लखनऊ में जारी हुए पीडीएम की पहली सूची में चंदौली लोकसभा क्षेत्र के उम्मीदवार के तौर पर जवाहिर बिंद के नाम पर अंतिम मुहर लगी है। वैसे तो जवाहिर बिंद के बारे में चंदौली का आम मतदाता कुछ खास नहीं जानता है, लेकिन उनके व उनके गठबंधन के जातीय फैक्टर पर नजर डाले तो वह चंदौली लोकसभा के नतीजों को बदलने के लिए पर्याप्त है। चंदौली लोकसभा में पिछड़ों के नाम पर बिंद बिरादरी के साथ ही पटेल जाति के मतदाताओं की संख्या ठीकठाक है। वहीं मुस्लिम मतदाता भी अच्छी खासी संख्या में हैं। ऐसे में यदि दलित मतदाताओं को साथ लाने की कवायदें भी तेजी से चल रही हैं। लोकसभा सामान्य निर्वाचन में दलित, पिछड़ा और मुस्लिम मतदाताओं में किसी एक में भी पीडीएम उम्मीदवार सेंधमारी करने में सफल रहे तो जीत के आंकड़े बंदल जाएंगे। यह न सिर्फ पीडीए का नारा बुलंद करने वाली इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी के लिए घातक साबित हो सकते हैं, बल्कि एनडीए के लिए परेशानी का सबब होंगे। गौरतलब है इंडिया गठबंधन से अलग हुईं पल्लवी पटेल पहले ही पीडीए के नारे को छलावा बताते हुए खुद के पीडीएम को असली व प्रभावी करार दिया है। उन्होंने पिछड़ों के हितैषी नेता के रूप में खुद को आगे रखा और अल्पसंख्यक यानी मुस्लिम वर्ग के फायर ब्रांड नेता और एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के साथ ही प्रमसपा को साथ लेकर प्रांत के तीसरे गठबंधन को अस्तित्व में लाने का काम किया है।