Young Writer, चंदौली। लोकसभा का चुनाव लड़ने वाले कई उम्मीदवारों को नामांकन पत्रों की जांच के बाद बड़ा झटका लगा है। उनके नामांकन पत्रों में त्रुटियों का हवाला देते हुए जिला निर्वाचन कार्यालय ने 17 प्रत्याशियों की उम्मीदवारी निरस्त कर दी है। नामांकन पत्रों के निरस्तीकरण से इन प्रत्याशियों के चुनाव लड़ने का सपना पूरा नहीं हो पाएगा और उन्हें लोकसभा का चुनाव लड़ने के लिए पांच साल का लंबा इंतजार करना होगा।
जिला निर्वाचन कार्यालय के आंकड़ों के अनुसार कुल 27 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ने की इच्छा के साथ नामांकन किया था। 14 मई को नामांकन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद बुधवार को नामांकन पत्रों की जांच हुई, जिसमें 10 के नामांकन पत्र सही पाए गए। वहीं 17 का नामांकन निरस्त कर दिया गया है। जिला निर्वाचन कार्यालय की ओर से भाजपा उम्मीदवार महेंद्रनाथ पांडेय, सपा के वीरेंद्र सिंह, बसपा के सत्येंद्र कुमार मौर्य के साथ सरदार पटेल सिद्धांत पार्टी से अरविंद कुमार पटेल, मौलिक अधिकार पार्टी से राजेश विश्वकर्मा, समझदार पार्टी से राम गोविंद, युग तुलसी पार्टी से शेर सिंह, भागीदारी पार्टी पी से शोभनाथ, जय हिंद नेशनल पार्टी से संजय कुमार सिन्हा और निर्दल उम्मीदवार संतोष कुमार शामिल है। वहीं प्रगतिशील मानव समाज पार्टी से उर्मिला, राष्ट्रीय जन संचार दल से दीपेंद्र सिंह, भारतीय जवान किस पार्टी से दिलीप, इंडियन नेशनल पार्टी से पदमा किन्नर, लोकतांत्रिक जनवादी पार्टी से मुरलीधर श्रीवास्तव, जनता राज पार्टी से लक्ष्मी नारायण के अतिरिक्त निर्दल उम्मीदवार गोपाल, देवारू, धर्मेंद्र कुमार सिंह, प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, मदन, मृत्युंजय, रजनीश कुमार, रवि शंकर, लक्ष्मण, लियाकत अली व सिद्धार्थ प्राण बाहू शामिल है। जिला निर्वाचन अधिकारी निखिल टीकाराम फुंडे की माने तो खारिज हुए नामांकन पत्रों में खामियां मिलने के कारण उनके नामांकन पत्र निरस्त किए गए हैं।