इन्फेक्शन बढ़ जाए तो ये ले सकता है आई फ्लू का रूप
Young Writer, Health News: बारिश का आना मतलब हैप्पी मानसून, लेकिन ये तब तक ही खुशनुमा लग सकता है, जब तक हम इस मौसम की बीमारियों से बचे रहें। मानसून आता तो बारिश के साथ है, लेकिन साथ में कई बीमारियां भी लेकर आता है। बारिश में ज्यादा नमी के कारण बैक्टीरिया और कई आँखों से न दिखने वाले कीटाणु हवा में फैल जाते हैं। इससे वायरल इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है।
बारिश में भीगने या गंदे पानी के संपर्क में आने से आंखों और गले में इन्फेक्शन होना सबसे आम है। पंडित कमलापति त्रिपाठी सयुंक्त जिला चिकित्सालय में प्रतिदिन लगभग 150 से अधिक मरीज ओपीडी में आ रहे हैं। जिला अस्पताल के नेत्र सर्जन डा. दीपक मेहता ने कहा कि इन दोनों ज्यादातर आंखों में इन्फेक्शन जैसे जलन, सूखापन होना, आंखों का लाल हो जाना, उसमें सूजन आ जाना और कई बार आंखों से पानी आना। वहीं अगर इन्फेक्शन बढ़ जाए तो ये आई फ्लू का रूप भी ले सकता है। कहा कि आई फ्लू, जिसे कंजंक्टिवाइटिस या श्पिंक आईश् भी कहते हैं। सरल शब्दों में इसे आंख आनाश् कहते हैं। आई फ्लू या आंखों से जुड़ा इन्फेक्शन संक्रमण फैलने से होता है। ये एक व्यक्ति से दूसरे में आसानी से फैल सकता है। कहा कि बारिश में होने वाला दूसरा आम इन्फेक्शन है, थ्रोट इन्फेक्शन यानी गले में होने वाला इन्फेक्शन। जैसे गले में खराश होना कफ होना जलन या खुजली होना, सर्दी-खांसी होना। यह सब कुछ इसके आम लक्षण हैं। सबसे ज्यादा ये बच्चों में होता है।क्योंकि उनकी इम्यूनिटी एडल्ट्स जितनी स्ट्रॉन्ग नहीं होती है।