Young Writer, चंदौली। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव मनोज सिंह डब्लू बुधवार को सरेसर रैक प्वाइंट का निरीक्षण किया। उन्होंने पाया कि मौके पर कुल्हडिया स्थित सीमेंट फैक्ट्री के लिए जिप्सम की रैक लगी हुई थी। यह देख उन्होंने जिला प्रशासन व जिले के जनप्रतिनिधियों में जमकर निशाना साधा। सवाल किया कि जब सरेसर में कोयला, जिप्सम, डीजल-पेट्रोल की रैक लग सकती है तो फिर खाद की क्यों नहीं? रैक खराब होने का बहाना बनाना अफसर छोड़ें और खाद की किल्लत को देखते हुए जल्द से जल्द सरेसर में खाद की रैक लगाना सुनिश्चित करें। यदि ऐसा नहीं हुआ तो जनपद के किसानों के साथ इसकी लड़ाई लड़ी जाएगी। साथ ही उन्होंने केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री व चंदौली के सांसद डा. महेंद्रनाथ से आग्रह किया कि आप सत्ता शासन में लिहाजा किसानों के मर्म को समझते हुए खाद की रैक सरेसर में लगाने की पहल करें, क्योंकि यदि आप नहीं कर पाएंगे तो यह समस्या किसी अन्य के बूते की बात नहीं।
इस दौरान मनोज सिंह डब्लू ने जिले के प्रशासनिक अफसरों की कार्य प्रणाली को कटघरे में खड़ा किया। बताया कि जिले के अफसर सरेसर में रैक ठीक नहीं होने का बहाना बनाकर खाद की रैक लगने में बाधक बन रहे हैं, जबकि उसी रैक पर कोयला, डीजल-पेट्रोल व जिप्सम आदि की रैक लग रही है। अब सवाल यह है कि जब तमाम चीजों की रैक सरेसर में लग रही है तो वहां खाद की रैक क्यों नहीं लग पा रही है? इस सवाल का जवाब जिले के अफसरों को देना होगा। कहा कि डा. महेंद्रनाथ पांडेय ने सरेसर खाद रैक के लिए 20 लाख रुपये दिए थे, लेकिन वह 20 लाख कहा गया। उन धनराशि से कौन सा काम हुआ पता नहीं। बताया कि वर्तमान में सरेसर रैक प्वाइंट पर शेड आदि का बंदोबस्त भी है। यदि बारिश भी आ जाय तो खाद की रैक उतारने में कोई दिक्कत नहीं होगी, लेकिन जिले के अफसर अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए किसानों तक खाद पहुंचने में सबसे बड़े बाधक बने हुए हैं। कहा कि पिछली पर जिस ठेकेदार ने खाद की रैक मजदूरों से उतरवाई थी, उसका आज तक भुगतान नहीं किया गया। यदि वजह है कि यहां रैक उतारने के लिए ठेकेदार नहीं मिल रहे। विभागीय अफसर इसमें मोनोपोली चला रहे हैं जा पूरी तरह से अनुचित है। आरोप लगाया कि खाद की रैक सरेसर में ना उतरे इसके लिए जिले के अफसर जान-बूझकर अड़चन पैदा कर रहे हैं, जबकि उनका काम समस्या का समाधान ढूंढना होना चाहिए। आरोप लगाया कि चंदौली जिलाधिकारी के साथ जिले के विधायकों को खाद की रैक व किसानों की समस्या से कोई वास्ता सरोकार नहीं है। यदि ऐसा होता तो आज खाद की समस्या से किसान हाल-परेशान नहीं होता। अंत में उन्होंने चेताया कि यदि जल्द खाद की रैक सरेसर में नहीं लगी तो किसानों से बड़ा आंदोलन किया जाएगा।