Young Writer, सकलडीहा। क्षेत्र में बीते दिनों हुई बरसात ने गेंहू की फसल को संजीवनी प्रदान किया है। यही कारण रहा कि गुरुवार व शुक्रवार को प्राइवेट दुकानों सहित साधन सहकारी समितियों पर किसानों का जमावड़ा लग रहा। देखते ही देखते इन जगहों से उर्वरक खत्म हो गया। बहुत किसानों को तो बगैर यूरिया खाद के ही वापस जाना पड़ा। स्थिति यह है कि किसान उर्वरक के लिए पूरे दिन सहकारी समितियों पर कतारबद्ध नजर आ रहे हैं। बावजूद इसके उन्हें मांग के अनुरूप खाद की उपलब्धता सुनिश्चित नहीं हो पा रही है। कुछ किसान ने खाद के लिए कई दिनों से सहकारी समितियों के चक्कर लगा रहे हैं‚ लेकिन अभी तक उन्हें उर्वरक नहीं मिल पाया है। रविवार को भी सकलडीहा क्षेत्र के आधार दर्जन से अधिक सहकारी समितियों परकुछ ऐसा ही नजारा दिखा‚ जहां यूरिया के लिए किसान जद्दोजहद करते नजर आए।
सकलडीहा कस्बा, चुतुर्भुजपुर, नईबाजार, डेढ़ावल सहित भोजापुर साधन सहकारी समिति व दुकानों पर अचानक हुई बरसात से ग्राहकों का हुजूम उमड़ पड़ा,लोग किसी तरह यूरिया खरीदना चाहते थे। भोजापुर साधन सहकारी सीमित पर तो आसपास के गाँवो के सैकड़ो किसान पहुँचे, जिससे सीमित पर अफरातफरी का माहौल हो गया। महज दो घण्टे में पूरी यूरिया समाप्त हो गयी। जिससे काफी किसानों को खाली हाथ ही वापस होना पड़ा।वही कुछ किसानों ने प्राइवेट दुकानदारो पर निर्धारित मूल्य से अधिक पैसा लेने का आरोप लगाया है। कहा कि अचानक हुई बरसात से सभी किसानों को एक साथ ही खाद की आवश्यकता पड़ी। जिसका फायदा उठाकर प्राइवेट दुकानदारो ने निर्धारित मूल्य से अधिक पैसे वसूल किये है। इसके बाद भी खाद की बिक्र व उपलब्धता सुनिश्चित कराने के वाले कृषि विभाग के जिम्मेदार अफसर मौन साधे हुए हैं‚ जिससे खुले बाजार में खाद को अधिक रेट पर बेचा जा रहा है‚ जिससे किसानों की जेब पर बोझ बढ़ रहा है। किसानों का कहना है कि समितियों पर खाद की उपलब्धता सुनिश्चित हो जाय ताकि किसानों को बाजार से उर्वरक खरीदने के लिए विवश नहीं होना पड़ेगा।