Young Writer, चंदौली। धान खरीद प्रक्रिया में शुक्रवार को एक नया पेंच फंस गया। सरकार ने किसानों की सुविधा के नाम पर आनलाइन टोकन की अनिवार्यता तय कर दी है, जो किसानों के लिए मुसीबत व बड़ी फजीहत बन गया। टोकन जनरेट नहीं होने के कारण शुक्रवार को पूरे दिन खरीद ठप रही। वहीं किसान साइबर कैफे व मोबाइल पर पूरे दिन टोकन जनरेट करने की जद्दोजहद करते दिखे। हालात ऐसे रहे कि खरीद की वेबसाइट ठप होने से उन किसानों को भी परेशानी झेलनी पड़ी, जो नया पंजीयन कराने के लिए साइबर कैफे पहुंचे थे। इसे लेकर किसानों में सरकार की नयी व्यवस्था को लेकर खासे परेशान दिखे।
विदित हो कि धान खरीद को लेकर जनपद में किसान पहले ही परेशान थे। जैसे-तैसे क्रय क्रेंद्रों पर धान की उपज बेच रहे थे, लेकिन शुक्रवार को एकाएक धान खरीद के लिए क्रय केंद्रों पर धान खरीद के लिए आनलाइन टोकन को अनिवार्य कर दिया गया। ऐसे में क्रय केंद्रों पर उपज लेकर पहुंचे किसानों टोकन के लिए साइबर कैफे की ओर भागे, लेकिन दो-चार किसानों का टोकन जारी होने के बाद सर्वर डाउन हो गया, जिससे किसानों को घंटों जद्दोजहद करनी पड़ी बावजूद इसके किसानों को टोकन नहीं मिला। ऐसे में क्रय केंद्रों पर खरीद प्रक्रिया पूरी तरह से ठप हो गयी। हालात ऐसे रहे कि नयी व्यवस्था लागू होने के पहले ही दिन जनपद के किसानों में गहरा आक्रोश व गुस्सा देखने को मिला। किसानों ने सरकार के इस फैसले को गलत व किसान विरोधी बताया। कहा कि सरकार की तानाशाह पूर्ण निर्णय के कारण किसानों की हर दिन फजीहत हो रही है। इस संबंध में जिला विपणन अधिकारी अनूप श्रीवास्तव ने बताया कि नया आदेश आने के बाद पुराने सभी टोकन स्वतः निरस्त हो गए हैं। अब आनलाइन टोकन के जरिए से धान खरीद क्रय केद्रों पर होगी। टोकन जनरेट होने में दिक्कत की समस्या पर शासन स्तर से जो भी निर्णय होगा उसे अमल में लाया जाएगा।