नवीन मंडी में कर्मचारी गैरहाजिर किसान खुद लगा रहे नंबर
Young Writer, चंदौली। यदि आप किसान हैं और अपने गेहूं की फसल को क्रय केंद्र पर बेचना चाहते हैं तो आपको आत्मनिर्भर होना पड़ेगा। साथ ही आप कड़ी मशक्कत के लिए भी तैयार रहे। जैसा कि पिछले धान के सीजन में किसानों ने जद्दोजहद की थी। जी हां! यह दावा दो अप्रैल को नवीन मंडी में गेहूं खरीद के लिए नंबर लगाने गए किसानों का है। नवीन मंडी में क्रय एजेंसी से जुड़ा कोई कर्मचारी मौके पर मौजूद नहीं मिला तो किसानों ने स्वयं ही अपने पंजीयन फार्म को क्रमबद्ध तरीके से ईंट से दबाकर नंबर लगाया। जब नवीन मंडी में शुरुआती दिनों में यह हाल है तो आगे आने वाले दिनों में किसानों की भीड़ क्रय केंद्र पर बढ़ेगी तो स्थिति और भी विषम हो जाएगी।
दरअसल एक अप्रैल से क्रय केंद्रों पर गेहूं की खरीद की आधिकारिक घोषणा कर दी गयी है। लेकिन दो दिनों में अधिकांश क्रय केंद्र अभी भी ठीक ढंग से स्थापित नहीं हो पाए हैं। ऐसे में किसान अपनी फसल बेचने के लिए क्रय केंद्रों पर नंबर लगाने व टोकन प्राप्त करने के लिए उमड़ने लगे हैं। शनिवार की अलसुबह ही सैकड़ों की संख्या में किसान नवीन मंडी पहुंचे तो पाया कि वहां कोई कर्मचारी नहीं है। ऐसे में किसान जिस क्रम में आते गए अपने रजिस्ट्रेशन फार्म को क्रमबद्ध तरीके से ईंट से दबाते गए। ऐसे में किसानों की भीड़ बढ़ी, लेकिन साढ़े दस बजे तक कोई कर्मचारी नहीं रहा। ऐसे में किसान अपने फार्म को वहां क्रमबद्ध तरीके से लगाकर अपना मोबाइल नंबर उस पर अंकित करके लौट आए।
इस बाबत किसानों का कहना था कि किसानों के उपज खरीद को लेकर जिला प्रशासन की संवेदनहीनता दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। इसे ठीक किया जाना बेहद जरूरी है। हाल-फिलहाल नवीन मंडी में सबकुछ किसान खुद के भरोसे कर रहे हैं। पहले दिन भी गेहूं बेचने के लिए नंबर किसानों ने खुद लगाया और किसानों का नाम रजिस्टर में अंकित किया। इसी तरह शनिवार को भी किसान अपने नंबर खुद लगाते दिखे और वहां कोई कर्मचारी मौजूद नहीं था। गेट पर मौजूद गार्ड की बातों पर यकीन करें तो धान खरीद में नंबर लगाने की प्रक्रिया में उनके द्वारा सहयोग किया गया था। जबकि विभागीय कर्मचारी इस काम के लिए आगे नहीं आए।