मनोज डब्लू के पदयात्रा में किसानों को मदद व मुआवजे की उम्मीद
Young Writer, चंदौली। देश की मिट्टी मां समान पूजनीय है और किसान धरतीपूत्र। अवर्षण के कारण आज यही किसान कलप और कराह रहा है। क्योंकि उसे दोहरी मार झेलनी पड़ रही है। एक तरफ जहां प्राकृतिक प्रकोप से किसानों की मुश्किलें बढ़ी हैं, वहीं दूसरी ओर सरकारी तंत्र की शिथिलता, लापरवाही व किसानों के प्रति उदासीन रवैये ने उनकी मुश्किलों को इस कदर बढ़ा दिया गया है कि उन्हें बड़ी आर्थिक क्षति नुकसान होना लगभग तय है।
ऐसी विषम स्थिति में सत्ता से जुड़े स्थानीय जनप्रतिनिधियों की उदासीनता किसानों का मनोबढ़ तोड़ रही है। लेकिन स्थानीय नेताओं में शुमार मनोज कुमार सिंह डब्लू के किसान पदयात्रा के आह्वान से नरवन के किसानों की उम्मीदें एक बार फिर जीवंत हो उठी है। उन्हें उम्मीद है कि उनके नुकसान पर मदद व मुआवजे का मरहम लगेगा। किसानों की माने तो नरवन क्षेत्र के सिवान की थाती में आई दरारों का दर्द किसानों की छाती सहन कर रही है। फसलें सूख जाने से किसानों की आंखें नम हो गयी है। क्योंकि किसानों के आर्थिक उत्थान की उम्मीदें टूटकर धुल-धुसरित होती नजर आ रही है। असना से निकलने वाले किसान व किसानी बचाओ पदयात्रा का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, ताकि वे भी मनोज सिंह डब्लू के मंच से अपनी पीड़ाएं और व्यथाएं कह सके, जिसे क्षेत्रीय किसान व नौजवान मिलकर सरकार तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे। उनके इस प्रयासों को मुकाम देने का ऐलान पहले ही सपा नेता मनोज कुमार सिंह डब्लू कर चुके हैं। देखा जाए तो मनोज के व्यक्तित्व हमेशा से किसान हितैषी रहा है। जिस तरह उन्होंने किसानों के लिए लम्बा संघर्ष किया और कई दफा जेल भी गए। उन्होंने एकल व्यक्तित्व के दम पर किसानों धान व गेहूं की फसल बिकवाई और बकाए का भुगतान कराकर यह साबित किया है वह वास्तव में किसान परिवार से हैं और किसानों की पीड़ा को बखूबी समझते हैं। यही वजह है कि सुविधाओं व संसाधनों से सम्पन्न होने के बाद भी खेती-किसानी के वक्त खेत में उतरकर अपनी धरा को स्पर्श करने व उसे नमन करने का मौका मनोज सिंह डब्लू कभी नहीं चुकते है। अब देखना यह है कि 25 अगस्त को आयोजित किसान व किसानी बचाओ पदयात्रा किसानों के घाव पर कितना मरहम लगा पाता है।