Young Writer, चंदौली। दिल्ली में एक वर्ष से चल रहे किसान आंदोलन के सफल समापन के बाद रविवार को किसान न्याय मोर्चा, राष्ट्रीय कृषक दल रिब्लिकन प्रेसिडियम पार्टी आफ इंडिया व मूल निवासी संघ ने संयुक्त रूप से किसान विजय दिवस मनाया। इस दौरान किसान नेता शमीम मिल्की ने कहा कि दिल्ली में आंदोलित किसानों ने जिस साहस और धैर्य के साथ आंदोलन को अडिग व स्थापित रखा, उसे पूरी दुनिया ने देखा। यही वजह रही कि तानाशाह हो चुकी मोदी सरकार को किसानों के समझ झुकना पड़ा। किसानों के इस संयुक्त संघर्ष को स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा। आंदोलन में 700 किसानों के शहादत पर देश को गर्व रहेगा।
इस दौरान मुख्य अतिथि पूर्व प्रधानाचार्य इंद्रजीत शर्मा ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार ने पहले तो दमनकारी रवैया अपनाया, लेकिन खेत-खलिहान व देश के किसानों के अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे अन्नदाता अपने आंदोलन पर अडिग रहे तो देश के साथ दुनिया में हो रही किरकिरी से बचने के लिए अंततः आंदोलन के दबाव में आकर आगामी विधानसभा चुनावों में संभावित हार के डर से किसानों की मांग मान लिया। किसानों पर लगाए गए सभी मुकदमों को वापस लेने की घोषणा भी कर दिया। कहा कि किसानों की संघर्ष ने भाजपा सरकार को घुटने टेकने पर विवश कर दिया है। किसान विजय दिवस पर किसानों के संघर्ष का सभी सम्मान करते हैं। किसानों पर जब भी संकट आएगा। संगठन उनके साथ रहेगी। अंत में जनरल बिपिन रावत के निधन पर दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर संयोजक महेंद्र प्रसाद यादव, राजेंद्र यादव गांधी, सुरेश पाल, घुरफेक्कन राम, रामहर्षचंद्रन, कृष्णकांत यादव, परशुराम विश्वकर्मा, सूर्यनाथ यादव, राकेश मौर्या, वीर बहादुर आदि मौजूद रहे। अध्यक्षता गौरी प्रसाद व संचालन रमेश कुमार ने किया।