Young Writer, नौगढ़। नौगढ़ वैसे तो नक्सलियों के मूवमेंट के बदनुमा दाग को धोने में पूरी शिद्दत से लगा है। लेकिन यहां विंध्य पर्वत श्रृंखला की सुंदरता दूरदराज के लोगों को अपनी ओर खींच लाती है। इसी सुंदरता ने नक्सलियों के आंतक के भय को काफी हद तक मिटाने काम किया। लेकिन इन दिनों नौगढ़ में मौजूद विंध्य पर्वत श्रृंखला अवैध खनन के आघात को झेल रही है। हालात यह है कि यहां की कई पहाड़ियों अवैध खनन के कारण खोखली होती जा रही है। यहां वन विभाग है, पुलिस है। पूरा का पूरा प्रशासनिक अमला है, लेकिन अवैध खनन कराने वाले लोग इतने ताकतवर हैं कि उन पर हाथ डालने का हौसला पुलिस, प्रशासन व वन विभाग जुटा नहीं पा रहा है। स्थानीय लोगों की माने तो अवैध खनन कराने वाले न केवल आर्थिक रूप से काफी सशक्त हैं, बल्कि इन्हें सत्ता का मजबूत राजनीतिक संरक्षण भी प्राप्त है। क्योंकि अवैध खनन होनी वाली अकूत कमाई में कई सफेदपोश नेताओं का मोटा हिस्सा है, जो उन तक पहुंच रहा है।

हाल-फिलहाल के स्थिति पर नजर डाले तो अवैध खनन से नौगढ़ की पांच पहाड़ियों को खासा नुकसान पहुंचा है। पूरा का पूरा इलाका अवैध खनन का अड्डा बना हुआ है। चंदौली जिले के पांच पहाड़ियों हो रहे अवैध खनन को देखते हुए वन विभाग बेखबर है। शिकारगंज क्षेत्र में गाय घाट के पास स्थित ललमनिया चमरड़ीह पहाड़ व 52 वीर पहाड़, नेवाजगंज के पास बदहवा पहाड़, गणेशपुर के पास कोठी घाट पहाड़ और चंदौली मिर्जापुर के बॉर्डर पर स्थित रामसगरा पहाड़ अवैध खनन हो रहा है। राम सगरा पहाड़ का उत्तरी हिस्सा चंदौली जिले में आता इन पहाड़ियों पर खुलेआम अवैध खनन होने के बावजूद पुलिस व वन विभाग तथा खनन विभाग की कार्यवाही औपचारिकताएं मात्र पूरी की जा रही है।

अवैध खनन से हर रोज कई हजार टन पत्थर इन पांचों पहाड़ों से निकल रहा है। जिसे खनन माफिया बिना रोक-टोक के खुलेआम बेच अपनी जेब गर्म रहे हैं। इस अवैध खनन से सरकार को राजस्व का नुकसान होने के साथ ही पर्यावरण को बड़ा खतरा उत्पन्न हो गया है। गनेशपुर के कोठी घाट गायघाट की ललमनिया पहाड़ी और नेवाजगंज के भदहवा पहाड़ से अवैध खनन कर लाया गया पत्थर शिकारगंज सिकंदरपुर और चकिया बाजार सहित आसपास के गांव में बेचा जा रहा है। यहां सुबह से लेकर रात तक निर्वाध गति से अवैध खनन हो रहा है। इन पहाड़ों से पत्थर लेकर निकलने वाले ट्रैक्टरों से क्षेत्र में कई बार दुर्घटनाएं हो चुकी हैं और लोगों की जान भी जा चुकी हैं। यहां हो रहे अवैध खनन का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पूर्व में खनन की जांच करने आए रावर्ट्सगंज संसदीय क्षेत्र के तत्कालीन सांसद कुंवर छोटेलाल सिंह खरवार का खनन माफिया ने घेराव किया और उनके साथ गाली गलौज की थी।
इस मामले में काशी वन्यजीव प्रभात रामनगर वाराणसी के डीएफओ दिनेश सिंह ने बताया कि शिकारगंज क्षेत्र में हो रहे अवैध खनन की सूचना मिल रही है जल्द ही जिला प्रशासन से वार्ता करके एक्शन प्लान बनाया जाएगा।
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पहाड़ों पर फैला है खनन माफियाओं का पूरा तंत्र
नौगढ़। खनन माफिया का पूरा तंत्र विंध्य पर्वत श्रृंखला के पहाड़ों पर फैला है। यहां पुलिस-प्रशासन की एक-एक मूवमेंट की जानकारी इन खनन माफियाओं को है। यही वजह है कि जब भी कोई अफसर या महकमा इनके खिलाफ एक्शन लेने का प्रयास करता है। छापेमारी की सूचना इन तक पहुंच जाती है। बीते दिनों शिकारगंज क्षेत्र में अवैध खनन की जांच के लिए गई पुलिस व वन विभाग की टीम को खनन क्षेत्र में माफियाओं की सह पर घेर लिया गया। अंततः पुलिस व वन विभाग को मौके की नजाकत को देखते हुए अपनी जान बचाने के लिए वहां से खाली हाथ लौटना पड़ा। पुलिस ने अवैध पत्थर लदे ट्रक को भी खनन माफियाओं के हवाले कर दिया। इस बीच लौटते समय पुलिस पार्टी व कुछ अराजकत खनन माफियाओं ने पत्थरबाजी करके दहशत कायम कर दी। इस मामले में पुलिस ऐसी वारदात से इन्कार करती रही। वहीं डीएफओ ने इस घटना की पुष्टि की। साथ ही खनन माफियाओं के खिलाफ कार्यवाही की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया। अब सवाल यह उठता है कि वन विभाग, पुलिस व नौगढ़ के साथ-साथ चकिया तहसील का प्रशासनिक अमला इन खनन माफियाओं के खिलाफ कितनी मजबूती के साथ खड़ा नजर आता है।
शिकारगंज क्षेत्र में गाय घाट के पास स्थित ललमनिया चमरड़ीह पहाड़ व 52 वीर पहाड़, नेवाजगंज के पास बदहवा पहाड़, गणेशपुर के पास कोठी घाट पहाड़ और चंदौली मिर्जापुर के बॉर्डर पर स्थित रामसगरा पहाड़ अवैध खनन हो रहा है।