फरवरी में प्रस्तावित शादी का सारा दायित्व खुद उठाएंगे सीओ सकलडीहा
Young Writer, चंदौली। जनपद में एक ऐसे पुलिस अफसर हैं जो जनता के सेवक होने के साथ-साथ उनके सुख-दुख भागी भी हैं। जी हां! बात हो रही है सकलडीहा क्षेत्राधिकारी अनिरूद्ध सिंह की। जो बेहतर पुलिसिंग व लॉ एण्ड आर्डर को संभालने के साथ ही आमजन में अपनी लोकप्रियता के जाने जाते हैं। उनका अभिनय भी उनके व्यक्तित्व को निखरता है, लेकिन उनकी एक और पहचान चंदौली सहित उन तमाम जनपदों में स्थापित है जो उन्होंने लीक से हटकर किए गए कामकाज से अर्जित हुई है। सकलडीहा सर्किल की कमान संभालते ही उन्होंने पुलिसिंग को दुरूस्त करने के साथ-साथ समाज को बहुत कुछ देने का काम किया। जिसमें विद्यार्थियों को शिक्षा और समाज के अंतिम पायदान पर खड़ी जनता के लिए सहयोग शामिल है।

हाल ही में उन्होंने सामाजिक कार्यकर्ता दुर्गेश सिंह की पहल पर आवाजापुर की एक गरीब बेटी की शादी का जिम्मा स्वयं उठा लिया। गरीब बेटी के हाथ पीले कराने में सहयोग को उन्होंने अपना सामाजिक दायित्व करार दिया। कहा कि यह जिम्मेदारी हर उस शख्स की है जो समाज से जुड़ा है और तमाम संसाधनों व सुविधाओं से लैस है। ऐसे में गरीबों तक सहयोग व संसाधन पहुंचाकर हम सभी को अपने नैतिक दायित्व की पूर्ति करनी ही होगी। क्योंकि इस समाज ने हमें शिक्षा व संस्कार इस जिम्मेदारी के साथ दिया है ताकि समय आने हम सभी समाज के उस ऋण की अदायगी कर सकें। यही हम सभी के शिक्षित व संस्कारवान होने की पहचान है।

सीओ सकलडीहा के इस पहल की सामाजिक कार्यकर्ता दुर्गेश सिंह ने जमकर सराहना की। कहा कि आजावापुर गांव के गरीब विनोद यादव की बेटी की शादी का सारा दायित्व अनिरूद्ध सिंह स्वयं उठाने की पहल की है। विनोद यादव अत्यंत गरीब है जिनकी चार बेटियां है और दूसरे नंबर की बेटी की शादी फरवरी माह में प्रस्तावित है। कहा कि विनोद यादव का परिवार बड़ा है और वह दूसरों के खेत को पटवन पर लेकर छोटी-मोटी खेती से अपने परिवार की आजीविक बमुश्किल चला पा रहे हैं। ऐसे में बेटी के शादी का खर्च उठाने में असमर्थ थे और उन्होंने अपनी इस विवशता को मेरे समक्ष रखा तो गांव वाले भी उनकी मदद के लिए आगे आए। अब तो सीओ सकलडीहा अनिरूद्ध सिंह अकेले ही इस जिम्मेदारी को उठाने की बात कहकर समाजसेवा का एक शानदार संदेश समाज को दिया है। बताया कि अभी हाल में उन्होंने रेवसा खुर्द की गरीब बेटी हिना को पढ़ाई-लिखाई के लिए तीन हजार की आर्थिक मदद देकर उसका हौसला बढ़ाया था। कहा कि वह बेफिक्र को शिक्षा अर्जित करे, क्योंकि आर्थिक बाधाएं उसकी पढ़ाई में आड़े नहीं आएगी। फिलहाल सकलडीहा सर्किल के साथ ही पूरा चंदौली जनपद उनके इस प्रयास से काफी प्रभावित है और उनके प्रयासों की सराहना कर रहा है।