Young Writer, चंदौली। जिले में पीड़ित लॉकरधारियों ने शनिवार को पत्रकार वार्ता करके पुलिस व बैंक की कार्रवाई पर सवार उठाए। पुलिस व बैंक मिलीभगत करके 20 करोड़ से अधिक की चोरी के मामले को हल्के में निपटाने की कोशिश कर रहा है। लोगों को सही नुकसान व भुगतान का तरीका न तो बैंक बता रहा है और न ही पुलिस कुछ बता रही है। दोनों अपना दामन पाक साफ करके सारा मामला ठंडे बस्ते में डालने की फिराक में हैं।
पुलिस की किसी भी कार्रवाई से पीड़ित लॉकरधारियों को अब तक यह नहीं लगा कि पुलिस ईमानदार है और ईमानदारी से पीड़ितों के पक्ष में कार्रवाई कर रही है। घटना के पहले दिन से लेकर 26 दिन से अधिक दिन का समय बीत जाने के बाद भी मामले में केवल लीपापोती व चुनाव का बहाना करके मामले को दबाने की कोशिश की जा रही है। पुलिस के खुलासे व उसके बरामद सामानों से भी पीड़ित खुश नहीं हैं। विजय तिवारी ने कहा कि हमारे द्वारा आंदोलन करने व धरना देने पर मौके पर भारी पुलिस बल भेज कर धमकी दी जा रही है और पीएसी लगाकर बैंक खोलवाया जाएगा और सबको जेल भेजा जाएगा। ऐसी चर्चाएं जानबूझ कर फैलायीं जा रही हैं, जिससे माहौल और भी खराब हो। हम लोगों से पुलिस व बैंक प्रबंधन ने जितना समय मांगा हम लोगों ने सब पर भरोसा करके दिया, लेकिन 26 दिन तक फर्जी खुलासे व ऑर्टिफिसियल गहने बरामद करने और बैंक के द्वारा मदद के आश्वासन के अलावा कोई और काम नहीं किया गया। हमने बैंक चलाने से कभी नहीं रोका था, लेकिन जब यह लगने लगा कि सारे लोग मामले की लीपापोती कर रहे हैं और हम लोगों के बारे में कोई सोच नहीं रहा है। तो इसके बाद हमें वहां बैठना पड़ा है। अब हम अब वहां न तो ताला बंद करते हैं और न ही वहां कोई मंच सजाते हैं, लेकिन जब पुलिस व बैंक के लोग दो-तरह की बातें करते हैं, तो आक्रोश भड़कना स्वाभाविक है। इधर कई दिनों से पीएसी लगाकर बैंक खुलवाने व लॉकरधारियों पर कार्रवाई करने की योजना बनायी जा रही है, जिससे उनकी मांगों के साथ साथ आंदोलन को दबाया जा सके। लाकर धारी 28 फरवरी से 4 मार्च तक पुतला दहन कार्यक्रम प्रतिदिन करेंगे इसके लिए पूरी तरह से शासन और प्रशासन जिम्मेदार होगा।