Young Writer, चंदौली। इंडियन बैंक में चोरी प्रकरण सोमवार को एक बार फिर गरमा गया। उक्त मामले में लोक अदालत की नोटिस के बावजूद बैंक प्रबंधन की ओर से पीड़ित लाकरधारकों को बीमा कागजात मुहैया नहीं कराए जाने से नाराज लाकरधारियों सोमवार को बैंक में तालाबंदी कर गेट पर धरने पर बैठ गए। लाकरधारियों ने बैंक के रवैये के प्रति आक्रोश जाहिर किया, जिससे इंडियन बैंक के अधिकारी-कर्मचारी सहमे नजर आए।
विदित हो कि जनवरी में शातिर चोरों ने मुख्यालय स्थित इंडियन बैंक शाखा के 40 लाकरों को काटकर करोड़ों से गहनों पर हाथ साफ कर दिया था। घटना में पुलिस ने कई आरोपितों को पकड़ा, लेकिन चोरी गए माल के सापेक्ष काफी कम गहनों की बरामदगी हुई। लाकरधारकों ने न्याय के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया। मामला लोक अदालत में पहुंचा तो अदालत ने नोटिस जारी कर बैंक के इंश्योरेंस पेपर मांगा था, लेकिन बैंक प्रबंधन ने कागजात नहीं दिया। सोमवार की सुबह लाकरधारक मुख्यालय पर एकत्रित हुए। शाखा प्रबंधक से मिलकर इंश्योरेंस पेपर की मांग की। आरोप लगाया कि शाखा प्रबंधक की ओर से संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया। इससे भड़के लाकरधारकों ने बैंक के मुख्य द्वार में ताला बंद कर बाहर धरने पर बैठ गए। इसकी सूचना मिलते ही कोतवाल शेषधर पांडेय मौके पर पहुंचे। उन्होंने भी बैंक मैनेजर से बात कर मामले की जानकारी ली। लाकरधारकों की मानें तो शाखा प्रबंधक ने कोतवाल को सही ढंग से जवाब नहीं दिया। इससे वे भी असंतुष्ट होकर लौट गए। लाकरधारकों ने आरोप लगाया कि शाखा प्रबंधक आला अधिकारियों को सूचना देकर हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। इससे एक बार फिर आंदोलन की राह पकड़नी पड़ी। इस दौरान अश्वनी सिंह, विजय प्रताप सिंह, दिनेश सिंह, गणेश सिंह, अलका तिवारी, रामेश्वर सिंह, रचना सिंह, अधिवक्ता आरके सिंह रहे।