Young Writer, चंदौली। वेतन विसंगतियों समेत तमाम मांगों को लेकर फार्मेसिस्ट संवर्ग का आंदोलन सोमवार को भी जारी रहा। इस दौरान अध्यक्ष आरके यादव की अगुवाई में फार्मासिस्टों ने ड्यूटी के दौरान काली पट्टी बांधकर सरकार के रवैये के प्रति अपना विरोध दर्ज कराया। मांग किया कि फार्मेसिस्ट का पदनाम फार्मेसी अधिकारी किया जाय। साथ ही शव विच्छेदन भत्ता संशोधित करते हुए 100 रुपये प्रति शव किया जाय। एलोपैथिक चिकित्सक की अनुपस्थिति में फार्मेसिस्ट को चिकित्सा का विधिक अधिकार दिया जाय।
उन्होंने कहा कि राजपत्रित अवकाश व द्वितीय शनिवार में कार्य के सापेक्ष एक माह का अतिरिक्त वेतन व 30 दिन का आकस्मिक अवकाश दिया जाय। प्रभार भत्ता को संशोधित कर 750 रुपये प्रतिमाह किया जाय। औषधि अधिनियम 1940 के अनुसार औषधि, औषधि सामग्री, सर्जिकल ड्रेसिंग, उपकरणों आदि का प्रभारी, चीफ फार्मेसिस्ट व प्रभारी अधिकारी फार्मेसी को बनाया जाय। कहा कि ट्रामा सेंटर एवं ड्रव वेयर हाउस एवं उपकेंद्रों पर फार्मेसिस्ट संवर्ग के पद सृजित किए जाएं। सीएचओ की न्यूनतम योग्यता में बीफार्मा व डीफार्मा को भी सम्मिलित किया जाय। कहा कि राजपत्रित अवकाश तथा द्वितीय शनिवार में कार्य के सापेक्ष एक माह का अतिरिक्त वेतन एवं 30 दिन का आकस्मिक अवकाश दिया जाय। कहा कि सरकार हमारी मांगों पर विचार नहीं करती है तो नौ दिसंबर से 16 दिसंबर तक जनपद के फार्मेसिस्ट संवर्ग के सभी अधिकारी व कर्मचारी दो घंटे तक कार्य बहिष्कार करेंगे। अंततः 20 दिसंबर से जनपद के सभी फार्मेसिस्ट संवर्ग के अधिकारी व कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे। जिसमें पोस्टमार्टम व आकस्मिक सेवाएं भी बाधित रहेंगी।