Young Writer, चंदौली। तपते मौसम में गर्मी अपने पूरे शबाब पर है। ऐसे में पश्चिमी विक्षोभों का प्रभाव नगण्य रहने के कारण गर्मी व तपन ऐसे ही बनी रहेगी। यह जानकारी देते हुए राज्य कृषि मौसम केंद्र के प्रभारी अतुल कुमार सिंह ने बताया कि पिछले दिनों की तुलना में अधिकतम तापमान में गिरावट दर्ज की गयी है। 43.2 डिग्री सेल्सियस के सापेक्ष वेंटिनेशन बढ़ने से अब अधिकतम तापमान 41.6 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। अप्रैल माह के 11वें दिन तापमान 40 डिग्री के ऊपर दर्ज किया गया।
उन्होंने बताया कि ग्रीष्म ऋतु में संक्रमण के साथ ही पश्चिमी विक्षोभों का प्रभाव नगण्य हो जाने, मध्य भारत के ऊपरी वायुमंडल पर उपस्थित प्रतिचक्रवात के कारण गर्म हवाओं के अधोगमन तथा दिन के समय सतही स्तर पर गर्म पश्चिमी मरूस्थलीय एवं मैदानी क्षेत्रों से आ रही गर्म एवं शुष्क पछुवा हवाओं के कारण बीते नौ अप्रैल को अधिकतम तापमान सीजन में पहली बार 43.2 डिग्री सेल्सियस के उच्चतम स्तर पर पहुँच गया था, लेकिन निचले क्षोभमंडल में पश्चिमी उत्तर प्रदेश से मध्यवर्ती मध्य प्रदेश तक बनी द्रोणी के प्रभाव से अधिकतम 20-21 किमी./घँटा की रफ्तार से तेज़ दक्षिणी-पश्चिमी हवाएं चलने से वायु-संचालन (वेंटिलेशन) बढ़ने के कारण 10 अप्रैल को इसमे 1.5 डिग्री सेल्सियस की प्रभावशाली कमी दर्ज की गयी। बावजूद इसके अधिकतम तापमान लगातार ग्यारहवें दिन 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर बना रहा। तापमान के 41.7 डिग्री सेल्सियस पर पहुंचने के साथ ही जनपद में जारी लू की स्थिति कमजोर पड़ गई। इसके साथ ही आगामी पश्चिमी विक्षोभ तथा निचले क्षोभमंडल में तेज़ पुरवा हवाओं के प्रभाव से अधिकतम तापमान में हो रही वृद्धि थम गयी तथा 12 अप्रैल से तापमान में आंशिक गिरावट आने परंतु मौसम शुष्क बना रहने की संभावना है।