निजीकरण के विरोध में सरकार के खिलाफ लामबंद दिखे कर्मचारी
Young Writer, चंदौली। निजीकरण के विरोध में सेंट्रल ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मोर्चे ने केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ सोमवार देशव्यापी बंद का आह्वान पर सभी बैंक शाखाएं बंद रही। बंदी की वजह से दो दिन बैंकों का कामकाज भी ठप रह सकता है क्योंकि अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ ने बंद को अपना समर्थन दे दिया है। बैंक शाखाएं बंद होने के कारण ग्राहकों को वित्तीय लेन-देन के बगैर ही निराश होकर लौटना।
ट्रेड यूनियन ने बैठक के बाद कहा था कि रोड़वेज, ट्रांसपोर्ट और बिजली विभाग के कर्मचारी भी बंद में शामिल होंगे। इसके अलावा बैंकिंग और इंशोरेंस कंपनियां भी बंद में शामिल रहेंगी। ट्रेड यूनियन ने कोयला, तेल, पोस्टल, आयकर और टैक्स जैसी यूनियनों से भी बंद का समर्थन करने की अपील की है। इनके अलावा रेलवे और डिफेंस से जुड़ी यूनियन भी दो दिन देश में जगह जगह हड़ताल और विरोध प्रदर्शन करेंगी। बैंकिंग सेक्टर में एसबीआई ने बयान जारी कर कहा है कि बंद के चलते बैंकिंग सेवाएं प्रभावित हो सकती है। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक निजिकरण के फैसले के विरोध में और बैंकिंग कानून संशोधन विधेयक-2021 के विरोध में हड़ताल कर रहे हैं। पंजाब नेशनल बैंक और केनरा बैंक ने भी हड़ताल की वजह से सामान्य कामकाज के प्रभावित होने की आशंका जताई है।