Young Writer, चंदौली। क्षेत्र के मद्धूपुर स्थित राजन सिंह के आवास पर समारोह का आयोजन किया गया। इस दौरान भूमिहार ब्राह्मण समाज के खानदान के सदस्यों ने सामाजिक-आर्थिक संरचना पर चर्चा की गयी। साथ ही संयुक्त परिवार के बिखराव की शहरीकरण के कारण तेजी से हो रहे पलायन जैसे विषयों में ग्रामीणों ने आपस में चिंतन-मंथन किया। वक्ताओं ने कहा कि शहरीकरण के चलते ग्रामीण समाज में कभी मजबूती से स्थापित रही संयुक्त परिवार या खानदानियत की एकता की भावना में भी बिखराव हुआ है।
इस दौरान प्रोफेसर सतीश कुमार ने बताया कि करीब साढ़े तीन सौ साल पहले उनका परिवार वर्तमान मऊ जिले के रैनी गांव से आकर मद्धूपुर में आबाद हुआ। खानदान आजादी के पहले का बड़ा जमींदार परिवार रहा है। गांव में एक हेक्टेयर के तालाब के चारों ओर आबाद उसके चार घरों की परम्परा में पीढ़ीगत विकास अथवा समय के साथ स्वाभाविक बिखराव आता रहा। जमींदारी काल से क्षेत्र में बंरगा, पचदेवरा, परानपुर, बनौली खुर्द, बहेरा आदि गांवों की अपनी छावनियों में भी खानदान के लोग आबाद रहे। परिवार के बिखराव के बीच सोमवार को मद्धूपुर में पूरे खानदान के सभी सदस्यों का का बृहद समागम आयोजित हुआ। समागम की खास बात यह रही कि पहली बार खानदान की महिलाओं की खुली भागीदारी भी अन्य सदस्यों के साथ पूरे उत्साह के साथ हुई। सभी ने पारिवारिक एकजुटता के भाव, उसके रचनात्मक प्रयासों या प्रस्तुत समस्याओं एवं चुनौतियों पर खुल कर परस्पर विचार विमर्श किया। नई पीढ़ी के युवाओं और बच्चों या बहुओं से जहां सभी का परिचय हुआ, वहीं युवाओं ने भी खुल कर विचार रखे। इस अवसर पर अजय सिंह, विपुल कुमार सिंह, अरुण प्रताप सिंह, पी.के.सिंह, मुकुन्द सिंह, शीतला सिंह, अजीत कुमार सिंह श्राजनश्, संजय सिंह, अशोक सिंह, श्रीप्रकाश सिंह बच्चा, निखिल कुमार, मयंक कुमार आदि उपस्थित रहे।