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Monday, February 3, 2025

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हत्या के बाद मृत विशाल पासवान के खिलाफ सीओ सदर ने जारी कर दी नोटिस

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चंदौली। सिकटिया विशाल हत्याकांड में अलीनगर थाने की पुलिस की कार्य प्रणाली पहले ही सवालों के घेरे में थी। ऐसे में सीओ सदर अनिल राय ने घटना से जुड़े पासवान बस्ती के लोगों को नोटिस जारी किया है। दिलचस्प व हास्यास्पद यह है कि सीओ सदर कार्यालय से जारी नोटिस में मृत विशाल पासवान का नाम भी शामिल है जिसकी हत्या हो चुकी है। बीते 26 नवंबर को क्षेत्राधिकारी सदर द्वारा हस्ताक्षरित नोटिस जारी कर वर्णित सभी पक्षकारों को दो दिन के भीतर कार्यालय में उपस्थित होकर अपना बयान दर्ज कराने को कहा है। अब सवाल यह उठता है कि जिस विशाल पासवान की हत्या हो चुकी है वह भला कैसे सीओ कार्यालय हाजिर होगा? इतनी बड़ी लापरवाही से यह समझा व जाना जा सकता है कि हत्या जैसे मामलों में भी चंदौली पुलिस की गंभीरता व रुख कैसा है। अब देखना यह है कि इतने बड़े मामले में लापरवाह अफसरों पर पुलिस अधीक्षक चंदौली क्या कार्यवाही करते हैं।
विदित हो कि गत दिनों सिकटिया गांव में विशाल पासवान की हत्या कर दी गयी थी। उक्त मामले में विधायक साधना सिंह के मौके पर पहुंचने के बाद मामला काफी गर्म हो गया था। घटना के वक्त गांव में काफी बवाल व आगजनी भी हुई थी। उक्त प्रकरण में पुलिस ने मुख्य आरोपी समेत कई आरोपियों को जेल भेजने की कार्यवाही भी पूर्ण कर ली है। इसी क्रम में क्षेत्राधिकारी सदर कार्यालय की ओर से नोटिस जारी कर पासवान बस्ती के लोगों को बयान दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं। दिलचस्प यह है कि मृत विशाल का भी नाम सिकटिया घटना के मुख्य आरोपी कमला यादव की पत्नी सरस्वती देवी की ओर से दिए गए प्रार्थना पत्र की जांच सीओ सदर अनिल राय कर रहे हैं। उन्होंने नोटिस जारी करते हुए आवेदिका सरस्वती देवी सहित विशाल पासवान, अजय पासवान, विक्की पासवान आदि एक दर्जन लोगों को दो दिन के भीतर कार्यालय में उपस्थित होकर बयान दर्ज कराने को कहा है। नोटिस तामिला कराने की जिम्मेदारी अलीनगर थाना प्रभारी को दी गई है। बहरहाल इस लापरवाही ने एक बार फिर महकमे की किरकिरी करा दी है। पुलिस की जांच और अधिकारियों की सक्रियता भी सवालों के घेरे में आ गई है। अब सबकी निगाह एसपी चंदौली अंकुर अग्रवाल की कार्यवाही पर टिकी है। देखना यह है कि इतनी बड़ी लापरवाही को वह यूं ही नजरअंदाज कर पाते हैं। या फिर विभाग की खामी पर कड़ी कार्यवाही अमल में लाते हैं ताकि ऐसी लापरवाही पुनः अस्तित्व में न आ पाए।

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