इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायमूर्ति ने निरीक्षण कर देखी लोक अदालत की कार्यवाही
Young Writer, चंदौली। उच्च न्यायालय इलाहाबाद के मुख्य न्यायमूर्ति राजेश बिंदल के मार्गदर्शन में शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत संपन्न हुआ। मुख्य न्यायमूर्ति का आगमन के साथ में मुख्य महानिबंधक आशीष गर्ग उपस्थित थे। राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन प्रभारी जनपद न्यायाधीश श्री जगदीश प्रसाद-पंचम के द्वारा दीप प्रज्वलित करके शुभारंभ किया गया।
समस्त न्यायालयों एवं तहसील परिसर स्थित न्यायालय में राष्ट्रीय लोक अदालत जनपद के समस्त बैंकों द्वारा फिजिकल मोड़ में राष्ट्रीय लोक अदालत आयोजित किया गया, जिसका उच्च न्यायालय इलाहाबाद के मुख्य न्यायमूर्ति राजेश बिंदल एवं न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता द्वारा लोक अदालत की कार्यवाही का निरीक्षण किया गया। साथ ही लोक अदालत में चिन्हित तथा निस्तारित वादों के बारे में जानकारी ली तथा अधिकारियों एवं अधिवक्ताओं से भी बात की और अपने मामलों को लोक अदालत के माध्यम से अधिक से अधिक संख्या में वादों का निस्तारण हेतु प्रोत्साहित किया। तदोपरांत जिला न्यायालय की भूमि संबंधी प्रगति के विषय में पत्रावली का अवलोकन किया। मुख्य न्यायमूर्ति ने आश्वासन दिया कि न्यायालय भवन हेतु भूमि अधिग्रहण हो चुका है और औपचारिकता पूर्ण होते ही यथाशीघ्र निर्माण कार्य प्रारंभ हो जाएगा। अपर जिलाधिकारी (राजस्व) एवं पुलिस अधीक्षक चंदौली को इस बात के लिए निर्देश दिया कि न्यायालय भूमि संबंधित जो भी समस्याएं हैं उसका त्वरित निस्तारण करें जिससे न्यायालय भवन का निर्माण यथाशीघ्र हो सके। जनपद न्यायालय द्वारा निम्नलिखित वादों का निस्तारण किया गया। लोक अदालत में जनपद न्यायालयों द्वारा कुल 4891 मुकदमों का निस्तारण किया गया। सभी बैंकों द्वारा कुल 558 ऋण खातों का निस्तारण कर रुपया 59260000 का समझौता किया गया एवं रुपया 2861400 नकद वसूला गया। जनपद के सभी राजस्व न्यायालयों द्वारा कुल 58476 मामलों का निस्तारण किया गया। लोक अदालत में अर्थदंड के रूप 1193190 रुपये वसूल किया गया।
- पीठासीन अधिकारी मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण चंदौली श्री नरेंद्र कुमार झा द्वारा कुल 31 एम. ए. सी. टी. वादों का निस्तारण कर रुपए 18333867 का समझौता राशि दिया गया।
- प्रधान न्यायाधीश/परिवार न्यायालय श्री राजीव कमल पांडेय, द्वारा कुल 42 वादों का निस्तारण किया गया जिसमें 17 जोड़ें साथ भेजे गए तथा समझौता राशि रुपया 6339500 दिया गया।
- अपर जनपद न्यायाधीश प्रथम श्री जगदीश प्रसाद-v द्वारा कुल 110 वादों का निस्तारण किया गया।
- श्री राजेंद्र प्रसाद अपर जनपद न्यायाधीश /विशेष पॉक्सो एक्ट द्वारा कुल 01 क्रिमिनल वाद निस्तारित कर रुपया 500 जुर्माना वसूल किया गया।
- अपार जनपद न्यायाधीश/ एफटीसी प्रथम श्री ज्ञान प्रकाश शुक्ला, द्वारा कुल 2 क्रिमिनल वाद निस्तारित कर रुपया 50,000 जुर्माना वसूल किया गया।
- मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्री श्याम बाबू, द्वारा कुल 74 फौजदारी वाद व चलानी वादों का निस्तारण कर रुपया 78000 जुर्माना वसूल किया गया एवं कुल 3928 इ-चालान वाद का निस्तारण कर रुपया 1047500 जुर्माना वसूल किया गया।
- सिविल जज (सीनियर डिविजन ) श्री दीपक कुमार मिश्र द्वारा कुल 05 वाद का निस्तारण कर कुल रुपया 835838 का उत्तराधिकार प्रमाण पत्र जारी किया गया।
- सिविल जज ,(सीनियर डिविजन/ एफटीसी) श्री विकास वर्मा द्वारा कुल 6 वाद का निस्तारण किया गया।
- सिविल जज जूनियर डिविजन सुश्री शिप्रा सिंह द्वारा कुल 14 वादों का निस्तारण कर रुपया 1700 जुर्माना वसूल किया गया एवं कुल 08 ई – चालान वाद का निस्तारण कर रुपया 1700 जुर्माना वसूल किया गया।
- न्यायिक मजिस्ट्रेट श्री कुंवर सूर्य सेन सिंह द्वारा 307 वादों का निस्तारण कर रुपया 55530 जुर्माना वसूल किया गया।
- सिविल जज (जूनियर डिविजन ) चकिया श्री सीरीज पटेल द्वारा 133 वादों का निस्तारण किया गया जिसमें कुल रुपया 82380 जुर्माना वसूल किया गया।
- अपर सिविल जज (जूनियर डिविजन) चकिया श्री नरेंद्र कुमार यादव द्वारा कुल 143 वादों का निस्तारण कर ₹42590 का जुर्माना वसूल किया गया।
- अपर सिविल जज ( जूनियर डिविजन) एफटीसी श्रीमती स्नेहा सिंह द्वारा 88 वादों का निस्तारण कर ₹11320 जुर्माना वसूल किया गया।
- उपरोक्त अनुसार जनपद न्यायालयों द्वारा कुल 4891 मुकदमों का निस्तारण किया गया।
- सभी बैंकों द्वारा कुल 558 ऋण खातों का निस्तारण कर रुपया 59260000 का समझौता किया गया एवं रुपया 2861400 नकद वसूला गया।
- जनपद के सभी राजस्व न्यायालयों द्वारा कुल 58476 मामलों का निस्तारण किया गया।
उक्त सूचना जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के पूर्णकालिक सचिव श्री संदीप कुमार द्वारा दी गई।
उपरोक्त अनुसार जनपद न्यायालयों द्वारा वसूल किए गए अर्थदंड की धनराशि रुपया 1193190 तथा दिलाए गए उत्तराधिकार प्रमाण पत्र की धनराशि रुपया 835838 है, तथा उक्त समस्त न्यायालयों द्वारा निस्तारित किए गए कुल मुकदमों की संख्या 4891 है।