Young Writer, चहनियां। रामगढ़ स्थित बाबा कीनाराम मठ में बाबा कीनाराम का 423 वे जन्मोत्सव समारोह में शुक्रवार को दूसरे दिन श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ पड़ा। लाखो की संख्या में लाइन में लगकर लोगो ने बाबा कीनाराम का दर्शन पूजन किया। बच्चों ने मनोरंजन के झूले, चरखी, खिलौने का लुफ्त उठाया। भारी मात्रा में फोर्स तैनात रही। रामगढ़ स्थित बाबा कीनाराम मठ में हर वर्ष बाबा का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जाता है। दो वर्ष 2020 व 2021 में कोविड के कारण नही मनाया गया। इस वर्ष बाबा कीनाराम का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है। दूसरे दिन सुबह क्षेत्रीय व दूरदराज से आये गायकों द्वारा भजन प्रस्तुत किया गया। लाखों की संख्या में पुरुष, महिलाएं, बुजुर्ग व बच्चे लाइन में लगकर बाबा कीनाराम के दर्शन पूजन के बाद लोगो ने प्रसाद ग्रहण किया। वाहनों को मठ परिसर व मेला परिक्षेत्र से एक किलोमीटर दूर रखा गया। मेला में तरह तरह की मिष्ठान, गुड़हिया जलेबी, पकौड़ी, चाट, महिलाओं के श्रृंगार की दुकानों पर खरीदारी किया। इसके अलावा बच्चो के मनोरंजन के झुला, चरखी, खिलौनों की दुकानें पर बच्चो ने लुफ्त उठाया।

देर रात सांस्कृतिक कार्यक्रम में श्रोता झूमे
चहनियां। बाबा कीनाराम मठ में आयोजित देर रात सांस्कृतिक कार्यक्रम में श्रोताओं ने गीत संगीत का लुफ्त उठाया। सांस्कृतिक कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि क्षेत्राधिकारी अनिरुद्ध सिंह ने द्वीप प्रज्वलित करके किया। कार्यक्रम में सोहर डांस, डा.विजय कपूर, मदन राय, गोपाल राय, अंकुश सिंह, सुमित एंड कम्पनी, आलोक पाण्डेय, कृष्ण कांत आदि कलाकारों द्वारा बाबा कीनाराम व अन्य गीत संगीत प्रस्तुत किया गया। सभी कलाकारों को ब्यवस्थापक अशोक सिंह व अजीत सिंह ने स्मृति चिन्ह व अंगवस्त्रम देकर सम्मानित किया। सुबह 9 बजे मंगला पाठक व मोहन तिवारी द्वारा रामायण प्रस्तुत किया गया। इसके बाद बाबा कीनाराम इंटर कालेज की छात्राएं, अमित सिंह व वष्ठी पाण्डेय, हरिशंकर तिवारी, पूजा उपाधयाय ने बाबा कीनाराम का गीत प्रस्तुत किया।

अविश्वसनीय समय में सन्त का भरोसा: डा. उमेश प्रसाद सिंह
चहनियां। बाबा कीनाराम के 423वें जन्मोत्सव पर सांय 4 बजे सम्भ्रांत लोगों ने विचार ब्यक्त किया। जिसमे उमेश प्रसाद सिंह, प्रोफेसर राम प्रकाश कुशवाहा, डा. विनय कुमार वर्मा, रामजी प्रसाद भैरो, शैलेन्द्र कुमार सिंह, एल उमाशंकर ने बाबा कीनाराम के जीवनी पर प्रकाश डाला। 27 अगस्त अंतिम दिन संत त्रिपाठी द्वारा शाम 4 बजे बाबा कीनाराम जिनके जीवनी पर प्रकाश डालेंगे। इस दौरान महान संत और मनुष्यता के प्रसारक बाबा कीनाराम के जन्मोत्सव के अवसर पर आयोजित विचार गोष्ठी में अपने विचार व्यक्त करते हुए मुख्य वक्ता साहित्यकार डॉ. उमेश प्रसाद सिंह ने कहा कि संत के चरित का गान करने से वाणी पवित्र हो जाती है। बाबा कीनाराम के साहित्य में दर्शन के तमाम ऊंचे आदर्शों का व्यावहारिक स्वरूप दिखाई देता है। आज जब हम अपने समय में राजनीति, शिक्षा, समाज सेवा के तमाम क्षेत्रों से निराश होने को अभिशप्त हैं, एकमात्र संतों का चरित ही भरोसे का केंद्र है। गोष्ठी में डा. विनय कुमार वर्मा, डा. रामप्रकाश कुशवाहा, डा. शैलेन्द्र सिंह, उपन्यासकार रामजी प्रसाद”भैरव ने बाबा कीनाराम के जीवन और साहित्य के बारे बहुत ही मूल्यवान जानकारी को बड़े प्रभावशाली रूप में प्रस्तुत किया। अध्यक्षता श्याम नारायण पांडेय‚ संचालन धनंजय सिंह और धन्यवाद सूर्यनाथ सिंह ने व्यक्त किया।


चार द्वार कुँए पर लगी रही भीड़
चहनियां। बाबा कीनाराम मठ में चार द्वार के कुओं पर स्नान करने व जल ग्रहण वालों की भीड़ लगी रही। ऐसी मान्यता है कि इस कुएं पर स्नान करने व जल पीने से अनेको रोग दूर होते है। इसे कुँप को खुद बाबा कीनाराम ने अपने हांथ से निर्मित किया है। इसमे बाबा कीनाराम कुँए में कूदे और वाराणसी क्री कुंड पर निकले है।