बलिदान का प्रतीक है मोहर्रम का त्यौहार
Young Writer, चंदौली। मातम का त्यौहार मोहर्रम की 10वीं को जनपद के अलग-अलग हिस्सों में मंगलवार को ताजिया का जुलूस निकला। इस दौरान स्थानीय थाना पुलिस-फोर्स की निगरानी में शांति एवं सद्भावपूर्ण माहौल में ताजिया निर्धारित रास्तों से कर्बला तक पहुंचा, जहां देर शाम ताजिए को दफन किया गया। इसके पूर्व ताजिया के जुलूस के साथ चल रहे मुस्लिम युवकों ने तरह-तरह के करतब दिखाए, जिसे देखने के लिए आसपास के मकानों व रास्तों पर लोगों की भारी भीड़ मौजूद दिखी। इस कारण वहां मेले जैसा दृश्य रहा। सुरक्षा के मद्देनजर थानों की फोर्स पूरे दिन चक्रमण करती रही, ताकि नियमों का पालन हो सके। वहीं मुस्लिम बंधुओं ने भी मातम के इस त्यौहार को सादगी के साथ घरों में मनाया।

विदित हो कि मोहर्रम पर्व पर आशूरा का दिन मुहर्रम का सबसे खास दिन होता है। इसी दिन पैगंबर साहब के नवासे इमाम हुसैन कर्बला में शहीद हुए थे। नौहाख्वानी और सीनाजनी के बीच मुस्लिम बंधुओं ने देश की तरक्की और अमन-चैन के लिए दुआएं की। इस मौके पर अबू इफ्तिखार ने सभी मुस्लिम बंधुओं को इमाम हुसैन की शिक्षाओं पर चलने का संदेश दिया। कहा कि मुहर्रम सिर्फ एक पर्व नहीं है, बल्कि मुहर्रम बुराई पर अच्छाई की जीत और बलिदान का प्रतीक है। हमें हमेशा इमाम हुसैन की बातों पर अमल करने की कोशिश करनी चाहिए। कर्बला के मैदान में इमाम हुसैन और उनके बहत्तर साथियों ने जालिम बादशाह यजीद के खिलाफ लड़ते हुए अपनी जान की कुर्बान कर दी थी। इसी कुर्बानी के पर्व को मुहर्रम के नाम से जाना जाता है। नगर के अजाखाना-ए-रजा पर डा. एसए मुजफ्फर ने कहा कि हमें आपसी प्रेम, सद्भाव को कायम रखने का प्रयास करना चाहिए। इस्लाम मोहब्बत का पैगाम देता है।


शहाबगंज/सकलडीहा। मुहर्रम की दसवीं तारीख मंगलवार को इमाम चौकों से ताजिया का जुलूस निकला। अपने अपने कदीमी रास्तों से गुजरते हुए कर्बला के मैदान में ले जाकर दफन किया गया। इस दौरान चारों तरफ या हुसैन, या हुसैन की सदाएं गूंजती रहीं। अलग-अलग अंजुमनों व अखाड़ों द्वारा तरह-तरह के करतब दिखाई गई। शिया। क्षेत्र में शहाबगंज, बड़गांवा, एकौना, आमरसीपुर, नई बस्ती, ठेकहां, किड़िहिरा, मुरकौल, पखनपुरा, जमोखर आदि सहित अन्य जगहों से मोहर्रम का जुलूस निकाला गया। कस्बा बाजार से होते हुए एकौना स्थित कर्बला के मैदान में ले जाया गया। जहां ताजिया ठंडी करने का क्रम देर रात तक चलता रहा। जुलूस में एक तरफ जहां ताजिया देखने के लिए लोगों का हुजूम उमड़ा हुआ था वहीं युवकों द्वारा लाठी, चक्र आदि प्रस्तुत किए जा रहे कला कौशल का भी लोगों ने देखा। वहीं सुरक्षा की दृष्टि से जुलुस में पुलिस प्रशासन मौजूद रही।
पड़ाव। मोहर्रम पर इमाम हुसैन की शहादत को मुस्लिम समाज ने ताजियों का जुलूस निकालकर याद किया। क्षेत्र में मोहर्रम के तहत यौमे आशुरा के मौके पर मंगलवार को मुस्लिम समुदाय की ओर से मढियां स्थित कर्बला में दफनाने के लिए पंरपरागत ताजियों का जुलूस निकाला गया। इस दौरान व्यासपुर, कटेसर, चौरहट, बहादुरपुर, सेमरा, जलीलपुर, मढिया इंत्यादि गांवो से जुलूस के दौरान मुस्लिम युवाओं ने जमकर अखाड़ा प्रदर्शन किया। इस दौरान बड़ी संख्या में पुलिस प्रशासन स्थानी चौराहे पर मुस्तैद रही चंदौली एडीएम उमेश मिश्रा और एडिशनल एसपी चिरंजीव मुखर्जी मौके पर पहुंचकर हालात का निरीक्षण किया।


सैयदराजा। ग्रामीण अंचलो सहित नगर मे मुहर्रम के पर्व पर मंगलवार की शाम क्षेत्र से लगभग 40 स्थानों से ताजिया का जुलूस निकाला गया। जानकारी के अनुसार नगर सहित ग्रामिण अंचलों में दुधारी, नौबतपुर, ऐलही, सुदाव, सोहदवार, बरठी कमरौर आदि दर्जनो गांवो सहित नगर के कई वार्डाे से मुहर्रम की जुलूस बड़े ही जोश व जज्बे के साथ निकाला गया। नगर के वार्ड नं 9 तिरंगे झंडे की रंग में बेहद ही खूबसूरत ताजिये का निर्माण किया गया था जिसे देख लोग काफी सराहना की।
सकलडीहा। कोतवाली अन्तर्गत विभिन्न गांवों में दो दर्जन से अधिक ताजिया बैठाया गया था। मंगलवार को तिरंगे झंडे के साथ हिन्दू मुस्लिम बंधुओं ने एक साथ लकड़ी का कला प्रदर्शन करते हुए कर्बला तक पहुंचे। सुरक्षा की दृष्टि से एसडीएम मनोज पाठक, सीओ अनिरुद्ध सिंह, बीडीओ अरूण पांडेय, नायब तहसीलदार रवि रंजन कश्यप, कोतवाल विनोद मिश्रा, ग्राम प्रधान प्रतिनिधि राजेश सेठ, नंदन, राजाराम पासवान, डा. अकबर, शौकत चौधरी, मुबारक अली, अरमान सहित अन्य लोग मौजूद रहे।
तिरंगे की रंग में अमानत ने बनाया ताजिया
सकलडीहा। कस्बा का एक मुस्लिम युवक अमानत भारत माता के प्रति अट्टू प्रेम श्रद्धा रखता है। स्वतंत्रता दिवस हो या गणतंत्र दिवस राष्ट्र भावना से ओतप्रोत हर रोज सुबह से शाम तिरंगे का स्टीकर लगाकर रहता है। भारत का नागरिक होने का गर्व महसूस करते हुए पिछले कई साल से तिरंगा वाली ताजिया स्वयं बनाता है। मोहल्ले का हर व्यक्ति अमानत को देश प्रेमी कहकर बुलाते है।

मोहर्रमः नौगढ़ में गूंजी या हुसैन की सदाएं
नौगढ़। मोहर्रम की 10वीं पर मंगलवार की रात चौक से ताजिए का जुलूस निकला। इस दौरान जुलूस में ताजियादारों ने मातम भी किया। इस दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम रहे।पुलिस और पीएसी के जवानों के साथ प्रभारी निरीक्षक ने भी हर ताजिए स्थल पर जाकर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। इसके पूर्व मुहर्रम की नौवीं पर नौगढ़, गोलाबाद,सोनवार इमाम चौक पर पूरी अकीदत से साथ ताजिये रखे गए। इस दौरान उन्होंने नौहाख्वानी और मातम किया। जिसमें …या हुसैन …या हुसैन की सदाएं गूंजती रहीं। नौगढ़ में सुरक्षा के मद्देनजर प्रभारी निरीक्षक दीनदयाल पाण्डेय एवं उप निरीक्षक अनंत कुमार भार्गव स्वयं मौजूद रहे। वहीं सभी सेक्टर मजिस्ट्रेट और कई थाने की फोर्स भी ताजिये वाले स्थानों का चक्रमण करती नजर आई। जुलूस के पूर्व मजलिस हुई जिसे खिताब करते हुए मौलाना ने कहा कि इमाम हुसैन ने दुनिया को मोहब्बत व भाई चारगी का पैगाम दिया। जुलूस में बिस्मिल्लाह अंसारी, नौवीं हुसैन, नसीर, फारुख, शमशुद्दीन आदि मौजूद रहे।